दिल्ली, यूपी, हरियाणा के मशहूर बिल्डर सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा को 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। आरके अरोड़ा इन 10 दिनों तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। जहां जांच एजेंसी उनपर लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ करेगी। सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आर.के. अरोड़ा पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। उन्हें पूछताछ के लिए 10 जुलाई तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।
बुधवार को जांच एजेंसी द्वारा अरोड़ा की 14 दिन की हिरासत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर करने पर राउज एवेन्यू कोर्ट के ड्यूटी सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला ने उसके अनुरोध को स्वीकार कर लिया। एजेंसी ने कहा कि मामले में बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए आरोपी से पूछताछ जरूरी है। ईडी ने हाल ही में अरोड़ा की 40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने के बाद मंगलवार को अरोड़ा को गिरफ्तार किया।
अरोड़ा को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। ईडी सूत्र ने कहा था, “वह लगातार तीन दिनों से ईडी के मुख्यालय आ रहे थे। अंततः मंगलवार को हमने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया।” संघीय एजेंसी की ओर से पेश होते हुए विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा ने अदालत को अवगत कराया कि कंपनी और उसके निदेशकों ने रियल एस्टेट परियोजनाओं में बुक किए गए फ्लैटों के बदले संभावित खरीदारों से अग्रिम धनराशि एकत्र करके लोगों को धोखा देने की आपराधिक साजिश रची थी।
बताया जा रहा है कि कंपनी समय पर फ्लैटों का कब्जा उपलब्ध कराने के सहमत दायित्व का पालन करने में विफल रही और आम जनता को धोखा दिया। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकियों से उपजा है। बताया गया कि रियल एस्टेट कारोबार से जुटाए गए पैसे को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए कई कंपनियों में निवेश किया गया।
सुपरटेक पर यह आरोप भी है कि घर खरीदारों से पैसा एकत्र किया गया और बाद में अन्य व्यवसायों में शामिल फर्मों के कई खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। सूत्र ने कहा, ”इस तरह, घर खरीदारों को धोखा दिया गया।” अरोड़ा संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी हुई। एक महीने पहले ग्रेटर नोएडा के दादरी प्रशासन ने अरोड़ा और सुपरटेक के खिलाफ नोटिस जारी कर कुल 37 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था।