दिल्ली के सरोजिनी नगर में देश का पहला महिला बस डिपो बनकर तैयार हो चुका है। इसका नाम दिया गया है, ‘सखी’ डिपो।दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसका विधिवत उद्घाटन किया। मजे की बात यह है कि सखी डिपो में ड्राइवर, कंडक्टर सहित सभी कर्मचारी महिलाएं ही होंगी।महिला डिपो की पहल पर कैलाश गहलोत ने कहा, ‘सखी’ डिपो ना केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान परिवहन क्षेत्र में महिलाओं के सभी बाधाओं को तोड़ने का एक प्रमाण भी है। यह डिपो एक शुरुआत है। हमारा लक्ष्य ‘सखी’ पहल के तहत दिल्लीभर में ऐसे कई डिपो बनाना है, जो पूरे देश में महिलाओं को समान अवसर दे और प्रेरित करें।’ दिल्ली सरकार का दावा है कि सखी डिपो दुनिया का पहला महिला बस डिपो है और विश्व स्तर पर अपनी तरह की पहली पहल है। सरोजिनी नगर सखी डिपो में 223 महिला कर्मचारी हैं। इनमें 89 ड्राइवर और 134 कंडक्टर शामिल हैं। डिपो 70 बसों का बेड़ा संचालित करता है, जिसमें 40 एसी और 30 नॉन एसी बसें शामिल हैं। ये बसें दिल्लीभर में 17 रूट्स को कवर करती हैं।
यहां बता दें कि पहले सरोजिनी नगर डिपो के नाम से जाना जाने वाला यह डिपो अप्रैल 1954 में शुरू हुआ था, जो कि दिल्ली का पहला बस डिपो था। स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के नाम पर इसे बनाया गया। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली की पहली महिला बस ड्राइवर वंकदावथ सरिता ने 10 अप्रैल, 2015 को डीटीसी जॉइन की और सरोजिनी नगर डिपो से ही अपनी यात्रा शुरू की। ‘सखी डिपो’ परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का पुराना सपना कहा जाता है, जिसमें आगे बढ़ने में कई बाधाएं सामने आईं। एक बड़ी बाधा थी महिला ड्राइवरों के लिए 159 सेंटीमीटर की न्यूनतम हाइट की आवश्यकता। इस शर्त की वजह से महिलाएं ड्राइवर नहीं बन पा रही थीं। परिवहन मंत्री के प्रयासों से फरवरी 2022 में ऊंचाई की आवश्यकता को घटाकर 153 सेमी कर दिया गया। महिला ड्राइवरों की सुविधा के लिए बसों में पावर स्टीयरिंग, उचित सीट हाइट और स्टीयरिंग विकल्प दिए गए।
हेवी मोटर वीइकल (एचएमवी) लाइसेंस पाने की चुनौती से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘मिशन परिवर्तन’ शुरू करने के लिए अप्रैल 2022 में अशोक लीलैंड के साथ साझेदारी की, जिसके तहत महिला ड्राइवरों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग के बाद 11 महिला ड्राइवरों का पहला बैच अगस्त 2022 में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में शामिल हो गया। अभी 89 महिला ड्राइवर डीटीसी बसें चला रहीं हैं।