रेसलिंग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। क्योंकि हम पिछले छह दिनों से यहां बैठे हैं। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने में इतना समय लिया। उन्होंने उस भरोसे को तोड़ा है जो बनाया जा सकता था। बता दें कि सरकार ने बृजभूणष शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने की पहलवानों की मांग को मान लिया गया है। इस बीच अब पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपील है कि बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाया जाए और जेल भेजा जाए। शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी है। इस दौरान विनेश फोगाट ने कहा कि बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाया जाना चाहिए। उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और वह अब तक हुई जांच से संतुष्ट हैं। देश का भविष्य अगर स्पोर्ट्स में बचाना है तो हमें एक साथ आना होगा। अगर वह कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने रहे तो पद का दुरुपयोग कर सकते हैं। वहीं, बजरंग पूनिया ने कहा मुझे लगता है कि बृजभूषण पर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए और तुरंत जेल भेजना चाहिए।

पहलवानों ने कहा कि आप स्पोर्ट्स को बचाने के लिए हमारे समर्थन में आइए। ये लड़ाई सिर्फ केस की नहीं है। एफआईआर पहले दिन ही हो जानी चाहिए थी। खेलों को ऐसे लोगों के चंगुल से बचाना होगा। साथ ही पहलवानों ने साफ कर दिया कि किसी कमेटी को वह कोई जवाब नहीं देंगे। पहलवानों ने साफ किया है कि जब तक बृजभूषण सिंह जेल में नहीं जाते हैं, तब तक धरना जारी रहेगा। विनेश ने कहा कमेटी जो बनाई गई थी, उसके एक आर्टिकल में हमने पढ़ा था कि एक लड़की ने यौन शोषण की शिकायत की थी। अगर एक लड़की ने भी शिकायत की है तो उसके आधार पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी। हमें किसी कमेटी और किसी सदस्य पर भरोसा नहीं है। वहीं, साक्षी मलिक ने कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस पर भी भरोसा नहीं है। पहलवानों ने खेल मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि अनुराग ठाकुर ने उनका फोन नहीं उठाया।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों पर उसने शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ को बताया कि आज प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। पीठ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक नाबालिग लड़की को खतरे का आकलन करने और उसे पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया जो यौन उत्पीड़न की कथित पीड़ित है। इस मामले में देश के कई नामचीन पहलवान रविवार से यहां जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं।

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