प्रदर्शनी 13-19 सितंबर, 2024 तक अखिल भारतीय ललित कला और शिल्प सोसायटी, 1 रफ़ी मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। यह अनूठी प्रदर्शनी युवा कलाकारों की असाधारण कलात्मक प्रतिभा को उजागर करती है और शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आजीविका में अपनी नवाचारी पहलों के माध्यम से वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के लिए वाईएफएलओ दिल्ली और एम3एम फाउंडेशन के समर्पण को दर्शाती है।
‘तरंग’ एम3एम फाउंडेशन के आईमपावर कार्यक्रम की देन है, जिसका उद्देश्य सीखने के मार्ग में आनेवाली बाधाओं को दूर करना और मजदूर परिवारों के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा के लिए तैयार करना है। यह कार्यक्रम इन युवा कलाकारों के रचनात्मक कौशल को पोषित करने, उन्हें उनकी कलात्मक क्षमता को ज्ञात करने के लिए उपकरण और प्रोत्साहन प्रदान करने में सहयोगी रहा है। तरंग के माध्यम से, एम3एम फाउंडेशन का लक्ष्य यह प्रदर्शित करना है कि कैसे कला व्यक्तिगत और शैक्षिक विकास के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण हो सकती है, जो इन बच्चों को अपने सपनों और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
वाईएफएलओ दिल्ली की चेयरपर्सन और एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी डॉ. पायल कनोडिया ने प्रदर्शनी के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, “तरंग परिवर्तन की लहर का प्रतिनिधित्व करता है, जो वंचित पृष्ठभूमि के युवा कलाकारों की अविश्वसनीय क्षमता को प्रदर्शित करता है। इस तरह की पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य न केवल इन प्रतिभाशाली बच्चों का समर्थन करना है, बल्कि भविष्य में और भी अन्य बच्चों का समर्थन करना है, उन्हें अपनी परिस्थितियों से ऊपर उठने और अपने सपनों को हासिल करने के लिए सशक्त बनाना है।“
प्रदर्शनी में 27 बच्चों की 56 पेंटिंग्स शामिल होंगी, जो ग्रामीण जीवन, मधुबनी कला, लोक चित्रकला और प्राकृतिक वस्तुओं सहित विविध विषयों और शैलियों का प्रदर्शन करेंगी। ये कलाकृतियाँ न केवल बच्चों की उपलब्धियों का उत्सव हैं बल्कि व्यक्तिगत विकास और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने में कला की भूमिका का एक शक्तिशाली प्रमाण भी हैं।
इसमें त्यागीवाड़ा क्लब से कविता, साजिद, अनुश्री, राहुल, सोनम, मुस्कान, मुन्नी, राजलक्ष्मी और बादल शामिल हैं, जिन्होंने ग्रामीण जीवन और लोक कला जैसे विषयों पर कलाकृतियाँ बनाई हैं। हलीमा, फरजाना और आयशा ने खूबसूरत डिजाइन और मेहंदी से प्रेरित पेंटिंग बनाई हैं। त्यागीवाड़ा क्लब की 10 वर्षीय कविता ने अपने परिवारिक वित्तीय संघर्षों को झेलने के बावजूद भी, फूलों, पत्तियों, पक्षियों और महिलाओं को चित्रित करते हुए नौ पेंटिंग बनाई हैं। साजिद, जिनके माता-पिता को भी ऐसी ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, ने भी सूक्ष्म कलाकृतियाँ बनाई हैं। ब्राइट ऑरेंज क्लब से डिंपी ने अपनी जीवंत पेंटिंग में एक मछुआरन को चित्रित किया है, ऐसे ही सेक्टर 65 क्लब से अंजलि, निशा और नफीसा ने भी अपने प्रभावशाली काम प्रस्तुत किए हैं।
इस प्रदर्शनी के दौरान कला जगत के कई प्रतिष्ठित अतिथि भी मौजूद रहेंगे, जिनमें आनंद मोय बनर्जी, कविता नायर, शोविन भट्टाचार्जी, संतोष वर्मा, संजय रॉय, कृष्णेंदु पोरे और जोयट्टम दत्ता रॉय शामिल हैं। ये विशिष्ट अतिथि अपने साथ कलात्मक विशेषज्ञता और जुनून का खजाना लेकर आते हैं। प्रदर्शनी में इनकी प्रतिभागिता ना केवल कार्यक्रम की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाली होगी बल्कि युवा प्रतिभाओं को पोषित करने के फाउंडेशन के मिशन को सबलता प्रदान भी करेगी।
कार्यक्रम का विवरण:
नाम: तरंग
दिनांक: 13-19 सितंबर, 2024
समय: 11 am- 7 pm
स्थान: अखिल भारतीय ललित कला और शिल्प सोसायटी, 1 रफी मार्ग, नई दिल्ली, 110001