भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर जुबानी हमला बोला है।

बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर जारी विरोध में हुई हिंसा की घटना पर चिंता जताते हुए भाजपा नेता ने कहा कि यह एक कानून का विरोध नहीं, बल्कि हिंदुओं को बंगाल से खदेड़ने का एक सुनियोजित प्रयोग है।

मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने को लेकर सवाल किए जाने पर दिलीप घोष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जैसे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित होने के बाद देखा गया था।

यह एक सुनियोजित प्रयोग है, जिसका मकसद हिंदुओं को बंगाल से भगाना है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करतीं, बल्कि चुपचाप स्थिति को देखती रहती हैं। रामनवमी से पहले जंगीपुर, मोथाबारी, बीरभूम और हावड़ा जैसे क्षेत्रों में तनाव फैलाने की कोशिश की गई, लेकिन इसके बावजूद रामनवमी भव्य तरीके से मनाई गई।

घोष ने हाल ही में 26 हजार शिक्षकों की नौकरी जाने के मुद्दे को भी उठाया और दावा किया कि इस घोटाले में शामिल लोगों को बचाने के लिए ममता सरकार ने मुर्शिदाबाद में नया ड्रामा शुरू किया है। उन्होंने मुर्शिदाबाद की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि लोग वहां से नदिया और मालदा की ओर नदी पार करके भाग रहे हैं। घोष ने सवाल उठाया कि बार-बार ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हो रही है?

ममता सरकार और पुलिस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस पहले ही भाग चुकी है और पिछले दो दिनों से बीएसएफ वहां कानून-व्यवस्था संभाल रही है और आज तीसरा दिन है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हर बार केंद्रीय बलों को लाने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा, तो फिर सरकार का क्या औचित्य है? अगर बीएसएफ ही सब कुछ संभाल लेगी, तो राज्य सरकार की जिम्मेदारी क्या रह जाती है?

टीएमसी सांसद बापी हालदार के बयान ‘वक्फ प्रॉपर्टी पर नजर डाली तो आंखें निकाल देंगे’ पर टिप्पणी करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि कानून तो पास हो गया, अब क्या कर लेंगे? 1 लाख 48 हजार से ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी बंगाल में है, जिसे टीएमसी नेता और उनके खास लोग दबाकर बैठे हैं। करोड़ों कमा रहे हैं, पार्टी को भी वहां से हिस्सा मिल रहा है। इसी डर से वह इस कानून का विरोध कर रहे हैं कि उनकी कमाई का जरिया छिन जाएगा।

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय द्वारा किए गए एक्स पोस्ट का हवाला देते हुए, जिसमें एक मौलाना ने राज्य भवन और ईडन गार्डन को वक्फ संपत्ति बताया है, उस पर दिलीप घोष ने कहा कि 2013 तक वक्फ की जितनी संपत्ति थी, वह 2025 में दोगुनी हो गई है। कहां से आई इतनी संपत्ति? पाकिस्तान या बांग्लादेश से ले आए क्या? ऐसे बयान देने वाले और उन्हें समर्थन देने वाले दोनों बराबर के दोषी हैं। सबको कानून के कटघरे में लाना चाहिए। जुम्मा के दिन मस्जिदों में लोगों को भड़काया गया और उसके बाद हिंसा की गई।

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