समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शनिवार को कहा कि पिछड़ा, दलित और आदिवासी (PDA) के हितों का दिखावा करने वालों ने कांग्रेस की पिछली सरकार में सहयोगी दल होते हुये भी समाज के इस वर्ग की हिमाकत नहीं की और न ही खुद की सरकार में जातीय जनगणना की वकालत की।
पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अनुप्रिया ने कहा कि सपा का दलित पिछड़ो के प्रति प्रेम वास्तव में उतना ही दिखावा है जैसा आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का अपना दल के कार्यक्रम में भाग लेना है। पीडीए की वकालत करने वाली सपा को बताना चाहिये कि केंद्र की कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जबकि वह केंद्र में सहयोगी की भूमिका में थी। जातीय जनगणना की मांग कर रही सपा को यह भी बताना चाहिये कि 2017 से पहले अपनी सरकार में उन्होने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा ‘‘पार्टी संस्थापक सोनेलाल जी के जीवनकाल में कभी सपा को प्रेम नहीं आया। सपा ने अपना दल के विधायकों को तोड़ने का काम किया था। सपा ने सोनेलाल पटेल की बेटी को खुद के सिम्बल पर लड़ने नहीं दिया था बल्कि सपा के साइकिल चिन्ह पर चुनाव लड़ाया। अपना दल (एस) 2007 में स्वर्गीय सोनेलाल के जीवनकाल से ही भाजपा के साथ है मगर हमने कभी भी सामाजिक न्याय के सिद्धांतों से समझौता नहीं है और हमेशा अपने ही चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा। यूपी में अपना दल तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके विधानसभा में 13 और लोकसभा में दो सदस्य हैं। पार्टी अपने संस्थापक के आदर्शों और सिद्धांतों का अक्षरश: पालन करती है। ओबीसी क्रीमी लेयर के दायरे को बढ़ाने की मांग पर हम अब भी कायम हैं और भाजपा के साथ अपने गठबंधन को और मजबूत करने के लिए कटिबद्ध हैं।”