मुजफ्फरनगर की पोक्सो एक्ट कोर्ट ने दलित किशोरी का अपहरण कर गैंगरेप किए जाने के मामले में सुनवाई पूरी कर 4 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। नाबालिग होने के कारण पांचवें आरोपी का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है।

विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा और मनमोहन वर्मा ने बताया कि 2017 में जनपद शामली के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव में दलित किशोरी का अपहरण कर गैंगरेप किया गया था। उन्होंने बताया कि घटना का मुकदमा दर्ज कराते हुए पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि थाना झिंझाना क्षेत्र के एक गांव में जब उसकी 15 वर्षीय बेटी चारा लेने जा रही थी तो 1 मई 2017 को 5 युवकों ने उसका अपहरण कर लिया था।

आरोप था कि वसीम पुत्र अनीश, सगीर पुत्र मुमताज, सद्दाम पुत्र नफीस और आसिफ पुत्र महमूद और एक नाबालिग निवासीगण गांव बिड़ौली थाना झिंझाना ने बारी-बारी कर उसकी नाबालिग बेटी से रेप किया था। इस मामले में पुलिस ने पांचों आरोपियों पर 5 दिन के बाद मुकदमा दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष पोक्सो एक्ट कोर्ट के जज बाबूराम ने की। विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि एक नाबालिग होने के कारण उसकी फाइल अलग कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि नाबालिग का मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है। वहीं, विशेष पोक्सो एक्ट कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद बाकी चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। चारों दोषियों पर 2.40 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

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