समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि भाजपा के कार्यकाल में राज्य दलितों पर अत्याचार के मामले में शीर्ष पर पहुंच गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दलितों पर अत्याचार के मामले में भाजपा सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश नंबर एक बन गया है।’’

उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि दलितों, विशेषकर दलित महिलाओं के खिलाफ अधिकातर अपराध उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे भाजपा शासित राज्यों में ही क्यों होते हैं।

सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा मूलतः परंपरागत प्रभुत्ववादियों की पार्टी है और वर्चस्ववादी भाजपाइयों की बुनियादी सोच सामंतवादी है जिसमें गरीबों, वंचितों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, आधी आबादी (महिलाओं) और आदिवासियों के लिए अपमान एवं जलालत के अलावा और कुछ नहीं है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता आजादी से पहले की मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं और वे संविधान के विरोधी हैं।

यादव ने कहा, ‘‘भाजपा में संगठन और सरकार के प्रमुख पदों पर हमेशा ही केवल कुछ खास लोग ही विराजमान रहते हैं और दौड़-भाग, डंडा-झंडा, बैनर-दरी के काम औरों को दे दिये जाते हैं।’’

यादव ने आरोप लगाया कि दलितों और अन्य पिछड़ी जातियों को भाजपा में प्रतीकात्मक पद दिए जा सकते हैं, लेकिन उन्हें कभी वास्तविक अधिकार नहीं सौंपे जाते।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके नाम से चुनाव लड़े जाते हैं लेकिन मुख्यमंत्री तो छोड़ो, उन्हें और भी कोई कुर्सी नहीं दी जाती।’’

यादव ने दलित समुदाय से भाजपा को खारिज करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “दलितों को आज कहना चाहिए – हमें भाजपा नहीं चाहिए!”

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