तिथि द्वादशी,दिन सोमवार,अभिजीत मुहुर्त में दोपहर करीब 12 बज कर 28 मिनट पर मंगल ध्वनि के बीच मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की श्याम वर्ण किशोरावस्था प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा और 1949 से पूजित प्रतिमाओं के दर्शन पूजन के साथ दुनिया के करोड़ों रामभक्तों के नेत्रों से खुशी की अमृत धारा बह निकलेगी जब वे अपने आराध्य को भव्य मंदिर में विराजते देखेंगे। लगभग पांच सदी के लंबे इंतजार के बाद इस शुभ घड़ी के आते ही श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले कारसेवकों,राजनीतिज्ञों और संत महात्माओं की आत्माओं को भी मोक्ष की प्राप्ति होगी वहीं उन तमाम साधु संत,धर्माचार्य, बुद्धिजीवी और राजनेताओं का जीवित रहते खुली आंखों से भव्य मंदिर में रामलला को विराजते देखने का सपना पूरा होगा।

मिली जानकारी के मुताबिक, इस सपने को साकार होता देखने की खातिर अयोध्या आज सारी रात जागती रही। रामनगरी का कोई ऐसा मोहल्ला, गली नहीं होगी जहां रात का सन्नाटा पसरा हो। सड़कों पर मेले जैसा नजारा,श्रद्धालुओं की भीड़ अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के आगमन की तैयारी में ठीक वैसे ही लगी रही जैसा कि शास्त्रों में त्रेता युग में वनवासी राम के अपने महल में वापसी के समय वर्णित किया गया है। जगह जगह अखंड रामायण का पाठ रविवार शाम से ही शुरु हो चुका था जबकि भोर चार बजे से ही सरयू तट पर स्नान ध्यान,मंदिरों में बजते घंटे घड़ियाल इस बात की तस्कीद करा रहे थे कि रामभक्तों की बेचैनी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर किस कदर चरम पर है।

इस अवसर पर पूरी अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। अवधपुरी में उत्सव सा माहौल है। फूलों से सजी अयोध्या जी में जन्मभूमि पथ से लेकर राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा देखते ही बन रही है। सांस्कृतिक नृत्य और वादन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर प्रदेश के साथ-साथ देश भर की परंपराओं और कला का समागम हो रहा है। हर तरफ भगवान राम के भजन सुनने को मिल रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों रघुनंदन के अभिनंदन के लिए पूरा स्वर्ग ही धरती पर उतर आया है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर परिसर समेत पूरे अयोध्या धाम को फूलों से सजाया गया है। जन्मभूमि स्थान में अलग-अलग तरह के देशी विदेशी फूलों से सजावट की गई है, जबकि जन्मभूमि पथ, राम पथ, धर्म पथ और लता चौक पर भी सुंदर फूलों की सजावट है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाए गए हैं। विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है। लता चौक पर लगी वीणा को भी लाइटिंग और फूलों के अछ्वुत संगम से रौशन किया गया है। पूरे अयोध्या धाम में म्यूरल पेंटिंग और वॉल पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीराम की जीवनी से जुड़े अलग-अलग अध्यायों का चित्रण किया गया है।

श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर अयोध्या में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। धाम की सुरक्षा को लेकर इसे दो जोन रेड और यलो में बांटा गया है। एसपीजी, एनएसजी ब्लैक कैट कमांडो, सीआरपीएफ कोबरा, सीआईएसएफ, आरएएफ, एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। चप्पे-चप्पे पर यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं। घरों की छतों से लेकर अहम लोकेशंस पर स्नाइपर्स की भी तैनाती है। साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ भी गतिविधियों पर नजर रख रही है। धाम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक डीएसपी, लगभग 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षकों को तैनात किया गया है, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवानों को अतिरिक्त तैनात किया गया है। वहीं वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर के साथ एक हजार से ज्यादा कॉस्टेबल और 4 कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं को दर्शनीय स्थलों की जानकारी देने के लिए 250 पुलिस गाइड भी उपलब्ध है। योगी सरकार ने धाम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए आईटीएमएस, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम एवं पब्लिक सीसीटीवी का भी सहारा ले रही है। एआई तकनीक पर आधारित एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय मोड पर है।

 

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