भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने त्योहारी सीजन से पहले मिठाई निर्माताओं के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्‍होंने मिठाई बनाने वालेे दुकानदाराें को निर्देश दिया है कि वह खुले में मिठाई बनाने से परहेज करें।

अगले महीने से त्योहारी सीजन की शुरुआत हो रही है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई(FSSAI) ने खाद्य उत्पादों में कारोबार करने वाले व्यवसायों को उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

साथ ही मिठाई निर्माताओं और अन्य हितधारकों जैसे खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों के साथ अपनी बैठक के दौरान उन्हें मिलावटी कच्चे माल, विशेष रूप से दूध उत्पादों के प्रति आगाह किया है।

बैठक के बाद एक बयान में एफएसएसएआई ने कहा, “आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर, एफएसएसएआई ने खाद्य पदार्थों और कच्चे माल की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को मिठाई निर्माताओं के साथ एक बैठक की।”

बैठक में देशभर के मिठाई निर्माताओं और एसोसिएशनों ने भाग लिया। बैठक में 150 से अधिक खाद्य व्यवसाय संचालकों ने भाग लिया।

यह बैठक उपभोक्ता को विनिर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री के बिंदु सहित सभी संपर्क बिंदुओं पर सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने पर केंद्रित थी।

एफएसएसएआई ने कहा, “सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को एफएसएस नियमों का अनुपालन करते हुए तलने के दौरान तेल की गुणवत्ता की निगरानी करना आवश्यक है।”

इसमें कहा गया है, “एफबीओ को खुली मिठाइयों के लिए सुरक्षित प्रदर्शन प्रथाओं का पालन करने और बाहरी खाना पकाने की प्रथाओं को रोकने की सलाह दी है, क्योंकि इससे वह भोजन और कच्चे माल को पर्यावरणीय दूषित पदार्थों के संपर्क में ला सकते हैं और खाद्य सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।”

एफएसएसएआई(FSSAI) ने यह भी कहा कि कच्चे माल विशेषकर दूध और दूध उत्पादों में मिलावट की जांच पर अधिक जोर दिया गया है। खोआ, पनीर और घी में मिलावट का खतरा अधिक रहता है।

एफएसएसएआई(FSSAI) ने कच्चे माल विशेषकर दूध, खोआ, घी, पनीर आदि की खरीद केवल एफएसएसएआई द्वारा पंजीकृत या लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से सुनिश्चित करने के लिए भी जागरूक किया।

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