कांग्रेस में जब भी आंतरिक कलह होती है तो उसकी एक सीरीज सी बन जाती है। ये पार्टी की एकता की कमी को और अधिक उजागर करती है। अभी हाल ही में पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी के शामिल होने पर हनुमंत राव और रेणुका चौधरी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।

वहीं अब एक नया मुद्दा उभर कर सामने आया है, वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) के संस्थापक वाई.एस. शर्मिला पार्टी में शामिल हो सकती हैं। जबकि टीपीसीसी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और अन्य लोग शर्मिला के कांग्रेस में शामिल होने की खिलाफता करते आए हैं। वहीं सीएलपी नेता भट्टी विक्रमार्क अलग खड़े हो गए और इस कदम का स्वागत किया।

पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी वाईएस शर्मिला, जो तेलंगाना के गठन के खिलाफ थीं, ऐसा प्रतीत होता है कि उनके पक्ष में लोगों की तुलना में अधिक लोग उनके पिता की पार्टी में शामिल होने के खिलाफ हैं।

रेवंत रेड्डी और कुछ नेताओं ने उनके पार्टी में शामिल होने पर खुले तौर पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, जिनमें से अधिकांश का कहना है कि यह कदम खासकर विधानसभा चुनाव तेजी से नजदीक आने के कारण राज्य में पार्टी की संभावनाओं के लिए हानिकारक होगा।

रेवंत रेड्डी ने कथित तौर पर कहा कि शर्मिला आंध्र प्रदेश से थीं, तेलंगाना से नहीं। उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि उन्हें राज्य में कोई नेतृत्वकारी भूमिका नहीं दी जाएगी क्योंकि इससे तेलंगाना के स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी।

इसके अलावा, पार्टी के कुछ नेताओं की राय थी कि 2018 के चुनावों में आंध्र प्रदेश तेलुगु देशम पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन का पार्टी की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights