चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और देश की सशस्त्र सेनाओं को इस बदलाव को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान लड़ी गई तोलोलिंग और टाइगर हिल की लड़ाई के 25 साल पूरे होने के मौके पर सेना के अधिकारियों, जूनियर कमीशंड अधिकारियों और 18 ग्रेनेडियर्स से आए सैनिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
टाइगर हिल टॉप पर 4 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया था। 18 ग्रेनेडियर्स बटालियन ने कारगिल संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत को चिह्नित करने के लिए हर साल 26 जुलाई को ‘विजय दिवस’ मनाया जाता है। जनरल चौहान ने सभा को बताया कि देश के लोगों को हमारी क्षमताओं पर भरोसा है और उसी के कारण हमारी यह अपार प्रतिष्ठा है। जो विरासत आपको दी गई है वह हमारे पूर्वजों द्वारा अर्जित की गई है। हमने भले ही प्रत्यक्ष योगदान नहीं दिया हो लेकिन हम इसका फल प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमें व्यक्तिगत और समुदाय दोनों तौर पर जिम्मेदारियां सौंपता है।’ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि एक सैनिक के तौर पर कोई गलती नहीं कर सकता और एक समुदाय के तौर पर भरोसे को कभी कम नहीं किया जा सकता। अपने संबोधन में जनरल चौहान ने कहा कि हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। आज के दौर में युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। इसलिए हमें इस बदलाव को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।