कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने की वकालत करने के एक दिन बाद, राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने खुद को राज्य में विपक्षी महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। राज्य की राजधानी में ‘मुसहर-भुईया महारैली’ को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन सत्ता में आता है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लोगों को ‘माई-बहन सम्मान योजना’ के तहत लाभ मिलेगा।
आरजेडी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे गरीबों को पक्का मकान बनाने के लिए जमीन मुहैया कराएंगे और उन्हें रोजगार देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “अगर मैं मुख्यमंत्री बना तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि आपसे किए गए वादे पूरे हों। भले ही मैं (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से) छोटा हूं, लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं।” अपने बयान को पुष्ट करने के लिए बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने युवाओं को पांच लाख नौकरियां दीं।
उन्होंने भीड़ की तालियों के बीच कहा, “अब नियुक्ति के दरवाजे खुल गए हैं। सरकार ने विभिन्न विभागों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो महागठबंधन सरकार के दौरान शुरू की गई थी।” तेजस्वी ने लोगों से बिहार में ‘खटारा’ सरकार को हटाने की अपील की। उन्होंने कहा, “15 साल बाद गाड़ी ‘खटारा’ हो जाती है। नीतीश कुमार की सरकार 20 साल पुरानी है और उसे हटा देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को हटाने से उनके उत्थान का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि चुनाव के कारण वे (पीएम) अक्सर राज्य का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा, “न केवल पीएम बल्कि उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी भी बिहार का दौरा करेंगे। लेकिन चुनाव खत्म होते ही वे सब कुछ भूल जाएंगे।” वहीं, तेजस्वी के ऐलान पर बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह बिहार की जनता का अपमान है। जनता ही फैसला करती है और चुनती है। जनता उन्हें नकार रही है। उनका अहंकार 2025 में टूट जाएगा।