शहर के रागिनी मोड़ निवासी सुनील कुमार मद्धेशिया जो मूलतः रामपुर कारखाना के रहने वाले हैं, उनके पिता ने वर्ष-2019 में कुछ जमीन बेचकर देवरिया शहर में जमीन खरीदने के लिए पैसा दिया था। ससुराल जाते समय उनकी मुलाकात शहर के बेलड़ाड़ रोड पर प्रापर्टी डीलर का आफिस चलाने वाले एक व्यक्ति से हुई।
उसने बताया कि बेलडाड़ रोड पर न्यू कालोनी निवासी दो भाइयों का 1700 वर्ग फिट जमीन है। 2623 रुपए वर्ग फिट की दर से उस जमीन का सौदा 44 लाख 70 हजार रुपए में तय हुआ। इसके बाद सुनील ने ब्रोकर को 25 हजार रुपए दिए।उन्होंने 13 जून-19 को अपने पिता के खाते से 3 लाख तथा 26 सितंबर-19 को 2 लाख रपए ब्रोकर के रियल स्टेट खाते में भेजे। 22 अगस्त-19 को एक जमीन मालिक के खाते में 6 लाख, 26 अगस्त को दूसरे जमीन मालिक के खाते में 13.45 लाख भेजा। कुल 29.70 लाख रुपए प्रापर्टी डीलर एवं दोनों जमीन मालिक को उसने दिया। इसके अलावा 15 लाख रुपए नकद प्रापर्टी डीलर को उसने दिया।
पीड़ित के अनुसार कुल 44.70 लाख रुपए में से जमीन और खाते को मिलाकर 29 लाख रुपया मिला, जबकि 15 लाख 70 हजार प्रापर्टी डीलर ने हड़प लिया। पीड़ित सुनील मद्धेशिया ने जब इसकी शिकायत पुलिस से की तो मामले की जांच एसओजी को सौंप दी गई। एसओजी प्रभारी ने जब ठगी के आरोपी प्रापर्टी डीलर को पकड़ा तो हेड कांस्टेबल ने अपना आदमी बताकर छुड़ा लिया तथा अपने खाते से एक लाख का चेक देकर भगा दिया।
जिले की पुलिस से न्याय नहीं मिलने पर पीड़ित ने तत्कालीन एडीजी अखिल कुमार से मामले की शिकायत की। उनके निर्देश पर कुशीनगर के एएसपी रीतेश सिंह ने मामले की जांच की, जिसमें उन्होंने एसओजी के पूर्व प्रभारी अनिल यादव और हेड कांस्टेबल योगेंद्र प्रसाद को दोषी पाया। इनके खिलाफ़ एफआईआर की संस्तुति की।
ठगी के मामले में जिन पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज़ कर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें प्राइम पोस्टिंग मिली है। अनिल यादव को पिछले महीने प्रमोशन मिलने पर इंस्पेक्टर हो गए। एसपी संकल्प शर्मा ने उन्हें अपना पीआरओ बनाया है। वहीं आरोपी हेड कांस्टेबल कुशीनगर में स्वाट टीम में हैं। एसपी संकल्प शर्मा से प्रयास के क्रम में उनके स्टाफ द्वारा सूचना देने की बात कही गई।