पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस ने पिछले 10-15 वर्षों में दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए पर्याप्त काम नहीं किया है। साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि न्हें यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि पार्टी उनकी दादी और पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व के बाद वंचित वर्गों के विश्वास को बरकरार रखने में सक्षम नहीं रही है। गुरुवार को दलित प्रभावशाली व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, गांधी ने कहा कि दलित और पिछड़े मुक्ति का एक नया चरण आकार लेना शुरू कर रहा है।
दिल्ली चुनाव प्रचार के बीच एक सभा में बोलते हुए, गांधी ने अपने पसंदीदा विषय पर कहा कि कैसे सामाजिक रूप से पिछड़े और उपेक्षित लोगों को, कुछ प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व को छोड़कर, भाजपा शासन के दौरान राजनीतिक व्यवस्था और संस्थागत ढांचे में आनुपातिक नियंत्रण कभी नहीं मिला। इसके बाद गांधी ने कांग्रेस को ही आईना दिखाया। राहुल ने कहा कि कांग्रेस के ‘सिपाही’ के रूप में, मैं यह भी कह रहा हूं: पिछले 10-15 वर्षों के दौरान (संयोग से, वह अवधि जब सोनिया गांधी और राहुल ने ज्यादातर पार्टी का नेतृत्व किया), कांग्रेस ने वह नहीं किया जो उसे करना चाहिए था। अगर मैं आपको यह नहीं बताऊंगा तो मैं झूठ बोलूंगा।
राहुल ने कहा कि मुझे झूठ बोलना पसंद नहीं है। यह हकीकत है कि अगर कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों का विश्वास बरकरार रखा होता तो आरएसएस कभी सत्ता में नहीं आता। मैं कह सकता हूं कि इंदिरा गांधी जी के समय में पूरा भरोसा कायम था, क्योंकि तब दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और अति पिछड़ों को पता था कि इंदिरा गांधी जी उनके लिए लड़ेंगी और मरेंगी भी। वहीम, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच यमुना नदी के किनारे पहुंचकर नदी की स्थिति का जायजा लिया तथा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनका एक पुराना वादा याद दिलाते हुए कहा कि वह डुबकी कब लगाएंगे। राहुल गांधी ने यमुना नदी के किनारे पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने का वीडियो बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर जारी किया।