ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि मुस्लिम पक्ष हिंदुओं को कोई भी मस्जिद नहीं देगा और उन्होंने कहा कि वे अदालतों में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस का जिक्र कर कहा है कि ‘हम देखेंगे कि क्या होता है।
एक निजी चैनल से बातचीत में ओवैसी ने कहा कि हम कोई भी मस्जिद नहीं देंगे, बहुत हुआ। हम अदालत में लड़ाई लड़ेंगे। अगर दूसरा पक्ष 6 दिसंबर जैसा काम दोबारा करना चाहता है, तो हम देखेंगे कि क्या होता है। हम एक बार धोखा खा चुके हैं। हम दोबारा धोखा नहीं खाएंगे।’ 6 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘मैं साफतौर पर कहा रहा हूं कि यह ऐसे खत्म नहीं होगा। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और अदालतों को दिखाएंगे कि हमारे पास क्या दस्तावेज हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ज्ञानवापी में हम नमाज पढ़ रहे हैं। बाबरी मस्जिद मामले में तर्क दिया गया था कि आप (मुसलमान) वहां नमाज अदा नहीं करते हैं। यहां हम लगातार नमाज पढ़ रहे हैं। यहां तक कि साल 1993 तक यहां कोई पूजा नहीं हुई थी।

मस्जिद के नीचे हिंदू धर्म से जुड़ी चीजें मिलने को लेकर उन्होंने कहा, ‘कल अगर हम राष्ट्रपति भवन खोदने लगेंगे तो हमें कुछ न कुछ मिलेगा। हम उस जगह पर सैकड़ों सालों से नमाज पढ़ रहे हैं।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भरोसा नहीं है। ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि देश के मुसलमानों को प्रधानमंत्री पर कोई भरोसा नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि मैंने यह संसद में कहा है और मैं इसे यहां दोहरा रहा हूं कि जहां तक ​​मुसलमानों का सवाल है, हमें अपने प्रधानमंत्री पर कोई भरोसा नहीं बचा है। प्रधानमंत्री केवल एक विशेष विचारधारा के लिए अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

 

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