मालदीव के साथ चल रहे विवाद के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान ने पड़ोसी देश श्रीलंका को प्रसन्न कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने दोनों देशों के बीच स्थायी संबंधों पर जोर देते हुए भारतीय लोगों से छुट्टियों के लिए श्रीलंका जाने का आग्रह किया था।
एस जयशंकर ने मुंबई में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) में बोलते हुए कहा, “मेरी आपको पहली सलाह यह होगी कि अगली बार जब आप छुट्टियाँ मनाना चाहें, तो श्रीलंका जाएँ। मैं आप सभी से यह कहता हूं।”
जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका पिछले दिनों गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था और भारत ने खुलकर मदद की थी। भारत ने श्रीलंका को 4 अरब डॉलर से ज्यादा की आर्थिक सहायता की। उन्होंने भारतीयों से अपील की कि वे अपनी अगली छुट्टी मनाने श्रीलंका जाएं ताकि उनकी मदद हो सके।
भारतीय मंत्री की यह टिप्पणी भारत और मालदीव के बीच हालिया राजनयिक विवाद के बाद आई है, जिसका असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ रहा है। मालदीव सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन हफ्ते में देश की टूरिज्म रैंकिंग में भारत पांचवें स्थान पर चला गया है। पिछले लगातार तीन साल मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा थी।
जयशंकर के इस बयान की श्रीलंका में जमकर तारीफ हो रही है। श्रीलंकाई राजनीतिक नेताओं ने श्रीलंकाई पर्यटन को बढ़ावा देने और लोगों से अपनी अगली छुट्टियों में द्वीप देश की यात्रा करने की अपील करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रशंसा की है।
भारतीय विदेश मंत्री के इस बयान पर श्रीलंका में विपक्ष के नेता सजिथ प्रेमदासा ने कहा कि वे श्रीलंका के लिए पर्यटन अभियान में विदेश मंत्री जयशंकर के प्रयासों की ‘गहराई से सराहना’ करते हैं।
प्रेमदासा ने कहा, ‘डॉक्टर जयशंकर के बयान की मैं जमकर तारीफ करता हूं। हम अपने भारतीय मित्रों का पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हैं। वे आएं और हमारी संस्कृति से रू-ब-रू हों। भारत और श्रीलंका की दोस्ती बनी रहे।’
इसके अलावा, पूर्व संसद सदस्य और पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने भी श्रीलंका का समर्थन करने के लिए जयशंकर को धन्यवाद दिया और कहा कि श्रीलंका पर्यटन के लिए भारत का समर्थन अमूल्य है।
श्रीलंकाई नागरिक संजीव वीरावरना ने एक्स पर लिखा, ‘भारत ने श्रीलंका को ऐसे समय पर मदद दी जिसे हम कभी भूल नहीं सकते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर और पीएम मोदी आपको धन्यवाद। हम IMF से मिले 3 अरब डॉलर के लोन पर बहुत बात करते हैं लेकिन भारत ने साल 2022 में हमारी तब 4.5 अरब डॉलर की मदद की जब हम अपने देश नहीं चला पा रहे थे। यही नहीं भारत ने मदद की और पैसा लौटाने के लिए कोई शर्त भी नहीं रखी। संकट में जो मदद करे, वही असली मित्र है।’