भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-नीत गठबंधन पर घुसपैठ को संरक्षण देने का बीते रविवार को आरोप लगाया। मुंडा ने दावा किया कि अवैध प्रवासी आदिवासी महिलाओं से शादी कर उनकी जमीन हड़प रहे हैं तथा मौजूदा कानून का उल्लंघन कर रहे भारतीय संविधान के प्रावधानों को चुनौती दे रहे हैं।
संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम का स्पष्ट संदर्भ देते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है, लेकिन झामुमो-नीत सत्तारूढ़ गठबंधन की कथित निष्क्रियता के कारण घुसपैठियों द्वारा आदिवासी भूखंडों पर कब्जा किया जा रहा है। मुंडा ने आरोप लगाया, ‘‘बड़े पैमाने पर घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है और अवैध प्रवासियों के कारण आदिवासी समाज की दुर्दशा बढ़ गई है। घुसपैठिये झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार के संरक्षण में आदिवासी लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनसे शादी कर रहे हैं और उनकी जमीन हड़प रहे हैं। आदिवासी समाज असहाय है और गठबंधन सरकार से छुटकारा चाहता है।”
भाजपा नेता ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए वह जहां भी गए, वहां ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। मुंडा ने कहा, ‘‘संथाल परगना की पहचान जमीन से जुड़ी हुई थी, लेकिन राज्य सरकार इसे बचाने में विफल रही। झारखंड सरकार न केवल आदिवासियों की जमीन हड़पने की अनुमति दे रही है, बल्कि उन लोगों को संरक्षण भी दे रही है, जो हमारे देश के नागरिक नहीं हैं।”