उत्तर प्रदेश में बांदा जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी की बीते 28 मार्च को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद परिजनों ने उसकी हत्या का आरोप लगाया था और कहा था कि उसे स्लो पॉइजन दिया गया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच की जा रही थी। अब इस जांच की रिपोर्ट सामने आ गई है। बांदा जिला प्रशासन ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इस रिपोर्ट में यह माना गया है कि मुख्तार अंसारी की मौत जहर देने से नहीं, हार्ट अटैक से हुई थी।
बता दें कि मुख्तार अंसारी की मौत की जांच एडीएम वित्त राजस्व राजेश कुमार को सौंपी गई थी। ADM वित्त राजेश कुमार ने लेटर जारी करते हुए बताया कि गाजीपुर के रहने वाले मुख्तार अंसारी की 28 अप्रैल को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद मेरे द्वारा मजिस्ट्रियल जांच संपादित की जा रही है। इस संबंध में जिस भी व्यक्ति को लिखित, मौखिक, साक्ष्य बयान प्रस्तुत करना हो तो वह 15 अप्रैल 2024 तक किसी भी दिन मेरे ऑफिस में आकर अपने बयान या साथ प्रस्तुत कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्तार के किसी परिजन ने कोई बयान नहीं दिया है।
अब यह मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो चुकी है। जांच में भी साफ हो गया है कि माफिया मुख्तार अंसारी की मौत जहर से नहीं, हार्ट अटैक से हुई थी। बैरक में मिले गुड़, चना और नमक में जहर नहीं पाया गया है। एडीएम राजेश कुमार ने मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट शासन को भेजी है। एडीएम राजेश कुमार ने लगभग 5 माह जांच करने के बाद शासन को भेजी। जेल अधिकारियों डॉक्टर सहित 100 से ज्यादा लोगों के बयान लिए गए। सीसीटीवी फुटेज बैरक जांच के अलावा खाने की जांच रिपोर्ट का भी अध्ययन किया गया।