नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव न करवाने पर चुनाव आयुक्त पर सवाल खड़े किए। उमर अब्दुल्ला ने कहा, चुनाव हमारा हक है, जम्मू-कश्मीर के लोग चुनाव चाहते हैं। अगर चुनाव आयोग पर कोई दबाव है तो वे कहें कि हम पर दबाव है और हम चुनाव नहीं करवा सकते हैं। हालात ख़राब हो चुके हैं, जी-20 का आयोजन कर हालात पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा, हमारी भी सेल्फ रिस्पैक्ट है, हम चुनाव कराने के लिए भीख नहीं मांगेंगे। हमारा भी स्वाभिमान है। हम भूखे-नंगे नहीं है जो उनके आगे घुटने टेकें। चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए, हम उनसे सुनना चाहते हैं।
नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, श्रीनगर में हुई G-20 बैठक सिर्फ दिखावा थी। श्रीनगर में G-20 बैठक से कश्मीर को दुनिया के सामने ठीकठाक दिखाने की कोशिश की गई है। पर लोग असलियत जानते हैं।
जम्मू कश्मीर में मौजूदा वक्त में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। 19 जून 2018 से अभी तक करीब पांच वर्ष होने जा रहे हैं राष्ट्रपति शासन बरकरार है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन पूरा हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव 2014 में हुए थे। उस वक्त BJP-PDP गठबंधन ने मिलकर सरकार बनाई थी। 2018 में भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।