राज्यसभा में मंगलवार को फिर अच्छा नहीं हुआ जब सभापति जगदीप धनखड़ यह कहने के लिए मजबूर हो गए कि मेरी बहुत सहनशक्ति है। खून के घूंट पी सकता हूं। मैंने क्या-क्या बर्दाश्त नहीं किया है। मैं साधारण आदमी हूं, झुककर चलता हूं, चाहे इसको लेकर कोई कुछ भी कहे। यह शब्द सभापति ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को कहे।

हुआ यह था कि सदन में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी का भाषण चल रहा था, इस बीच  में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कुछ बोलने का प्रयास किया तो सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए।

इसी दौरान उन्होंने कहा कि जब प्रथम पंक्ति के अंदर आप जैसा व्यक्ति है, जिसके पास 56 साल का अनुभव है, उस व्यक्ति की जयराम रमेश मदद करने की कोशिश करते हैं।

आगे सभापति ने तल्खी में कहा कि जयराम रमेश इटेलिजेंट हैं वह विपक्ष के नेता की जगह पर आ जाएं, उनकी ज्यादा भूमिका तो वही निभाते हैं। जिस पर विपक्ष के नेता खरगे ने असंतोष जाहिर करके कहा कि क्या वह डल व्यक्ति हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें रमेश या आपने नहीं बनाया है, उन्होंने साथ बैठीं सोनिया गांधी की तरफ इशारा करके कहा कि मेरी नेता ने मुझे बनाया है। इस पर सभापति ने कहा कि खरगे जी मैं उस स्तर पर नहीं जाना चाहता। मेरी बात को ध्यान से सुनिए, राज्यसभा के इतिहास में आसन का ऐसा अपमान नहीं हुआ, पुरानी कार्यवाही इसकी गवाह हैं।

आप हर समय आसन को रनडाउन करने की कोशिश करते हैं। जितना मैं आप का सम्मान करता हूं, उसका एक प्रतिशत भी आप मेरे लिए करेंगे तो बहुत होगा।

उन्होंने विपक्ष के नेता से कहा कि आप मेरी बात को ध्यान से सुनें,आप हर वक्त आसन के बारे में कुछ भी कह देते हैं। कई मौकों पर आप ने आसन का सम्मान नहीं किया, जबकि मैंने हर बार आपकी प्रतिष्ठा को बचाने की कोशिश की है।

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