आम चुनाव में पांचवें चरण का मतदान समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग ने देश के दो प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस को जाति, समुदाय, भाषा और धार्मिक आधार पर प्रचार करने से बचने की सलाह दी है। आयोग ने दोनों दलों से कहा कि वे अपने स्टार प्रचारकों को अपने भाषण सुधारने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए औपचारिक नोट जारी करे। आयोग ने कहा कि चुनाव आते जाते रहते हैं पर राजनीतिक दल बने रहेंगे। भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक तानेबाने की रक्षा करना सबसे बढ़ कर है।

दोनों दलों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों की समीक्षा के बाद चुनाव आयोग ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके स्टार प्रचारक आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करें। आयोग ने कहा कि इसके लिए उन्हें निर्देश जारी किया जाए। क्योंकि, स्टार प्रचारकों के कथित बयानों पर दोनों पार्टियों द्वारा पेश किया गया बचाव टिकने वाला नहीं है।
आयोग ने नड्डा को लिखे पत्र में निर्देश दिया कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में वह ऐसे भाषण और वक्तव्य न होने दें जो ‘समाज में दरार पैदा कर सकते हैं’। आयोग ने लिखा कि पार्टी के संबंधित स्टार प्रचारक ऐसी कहानियां सुना रहे हैं जो आचार संहिता के बाद भी घातक हो सकते हैं। कांग्रेस की शिकायत पर आयोग के 28 अप्रैल के नोटिस का जवाब नड्डा की ओर से 13 मई को दिया था।
आयोग ने खड़गे को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रचारक ऐसे भ्रामक बयान न दें कि भारत के संविधान को समाप्त किया जा सकता है या बेचा जा सकता है। प्रचारकों और उम्मीदवारों को सेना की गतिविधियों के खिलाफ टिप्पणी न करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में विभाजनकारी बयान से दूर रहें।

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