चीन में मर्चेंट नेवी के चीफ इंजीनियर अनिल कुमार की मौत के बाद 80 वर्षीय मां रामकिशोरी श्रीवास्तव का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे पिता के वापस आने की राह तक रहे हैं। शिक्षिका पत्नी अंजुलता तीनों को अकेले संभाल रही हैं। वह पति के पार्थिव शरीर को घर लाने के प्रयास में लगी हैं। पूरे दिन लैपटॉप पर बैठकर ईमेल से अधिकारियों से गुहार लगाती रहती हैं।

उनकी मदद करने के लिए चीन में निवास कर रहीं भारतीय नम्रता उपाध्याय ने चीन के अधिकारियों और भारतीय दूतावास से संपर्क किया है। वह भी लगातार भाग दौड़ में लगी हुई हैं। आगरा के अन्य लोग भी मदद के लिए आगे आए हैं। विदेश मंत्रालय के समक्ष इस मामले को उठाया है। अंजुलता ने बताया कि पति के आखिरी बार दर्शन के लिए प्रयासरत हैं। मगर, कहीं से कोई मदद मिलती नजर नहीं आ रही वह क्या करें समझ नहीं आ रहा पूरे दिन इस उम्मीद में ईमेल करती हैं कि कोई मदद कर देगा। पति के शरीर को वापस ले आएंगे।
उन्होंने केंद्र सरकार से विनती करते हुए कहा कि वह और उनका परिवार बहुत कठिन समय से गुजर रहा है। उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सास को संभालना बहुत मुश्किल है। 13 दिन होने पर भी कहीं से कोई ठोस जवाब नहीं मिल पा रहा है। सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उनके पति के पार्थिव शरीर को आगरा भिजवाने का प्रबंध करें।
अंजुलता के पति की कंपनी के अधिकारियों के भी संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी पार्थिव देह को शीघ्र लाने के प्रयासों में लगी है, लेकिन चीन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं। उनका कहना है कि वापसी की पूरी प्रक्रिया में 25 से 30 दिन लग सकते हैं। केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे तो कुछ ही दिन में पार्थिव शरीर वापस लाया जा सकता है।
अंजुलता ने बताया कि मंगलवार को चीन में रह रही भारतीय नम्रता उपाध्याय ने संपर्क किया। बताया कि वह दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हैं। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि एक आमजन को सरकार से मदद नहीं मिल पा रही है, यदि कोई नेता होता तो परवाह की जाती नम्रता संबंधित विभागों से बात कर चुकी हैं, लेकिन कोई सही जवाब नहीं दे रहा है।

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