बिहार के दरभंगा जिले में बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की एक विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में बुधवार को तीन दोषी युवकों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ ही 30-30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने इसी मामले में अपहरण का दोषी पाते हुए दो अन्य अभियुक्तों को 10-10 वर्षों की कठोर कारावास के साथ ही दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को भुगतनी होगी और सजा
विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने बुधवार को बताया कि पॉक्सो की विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने एक नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में सजा के बिंदुओं पर विचार करने के बाद जिले में अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र के अकराहा गांव निवासी विन्देश्वर सहनी के पुत्र दशरथ सहनी, शंकर सहनी के पुत्र ओम सहनी और विनोद सहनी के पुत्र धर्मेंद्र सहनी को पॉक्सो अधिनियम एवं भारतीय दंड विधान की अलग-अलग धाराओं में यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को छह माह की सजा अलग से भुगतनी होगी। वहीं, अदालत ने इसी मामले के अभियुक्त किशन सहनी के पुत्र देवलाल सहनी एवं स्व. उचित सहनी के पुत्र सहदेव सहनी को भारतीय दंड विधान की धारा 366ए/34 में 10 वर्षों के कठोर कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड चुकाने की सजा सुनाई है। इसके अलावा पीड़िता को पुनर्वास के लिए पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत छह लाख रुपये मुआवजा भुगतान करने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दिया है।
क्या था मामला?
पराजित ने बताया कि 13 मई 2022 की रात में सभी अभियुक्तों ने घर में सो रही नाबालिग का जबरन अपहरण किया। इसके बाद इनमें से तीन अभियुक्तों ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। नाबालिग बच्ची के माता पिता गांव में शादी में गए हुए थे। शादी से वापस आने पर बच्ची की खोजबीन की लेकिन वह नहीं मिली तो इसकी सूचना अगले दिन सुबह में अशोक पेपर मिल थाना को दी। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि थाने की पुलिस ने बच्ची को बरामद कर परिवार वाले को सौंप दिया और गांव में पंचायती की बात कहकर इतने संगीन मामले की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। बाद में इसकी प्राथमिकी महिला थाना में कांड संख्या 34/22 दर्ज कराई गई। अदालत में इस मामले का विचारण जीआर संख्या-28/23 के तहत चल रही थी। अभियोजन पक्ष ने छह गवाहों का बयान अदालत में कलमबंद कराया।