फर्रुखाबाद। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कराने के लिए विभिन्न संगठन मांग उठा रहे हैं, लेकिन गोशाला में ही गोमाता सुरक्षित नहीं हैं। जिले में सरकारी गौशाला में गायों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। हर रोज गौवंश की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। गौशालाओं में लगातार हो रही गायों की मौतों के वीडियो वायरल हो रहे हैं। फर्रुखाबाद की गौशालाओं में चारा-भूसा नहीं दिया जा रहा है। आधा दर्जन से अधिक गोवंश भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

गौशाला की स्थिति यह है कि यदि चंदा देने वाले लोग चंदा न दें, तो यहां 10 गायों का भी पालन पोषण करना संभव नहीं है। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा गौशाला को जो अनुदान दिया जा रहा है उससे एक बार के चारे का भी खर्चा नहीं चल सकता है। हम बात कर रहे हैं फर्रुखाबाद के ब्लॉक कमालगंज क्षेत्र के नगर पंचायत कान्हा गौशाला देवरान गढ़िया की। जहां गोवंशों की तड़प-तड़प कर मौतें हो रही हैं।|

3 दिन पूर्व एसडीएम कायमगंज ने शमशाबाद नगर पंचायत गौशाला का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में 3 दिन से गोवंशों को चारा व भूसा नहीं मिल रहा था। भूख प्यास से गोवंश बीमार होकर तड़प तड़प कर दम तोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। कमालगंज की नगर पंचायत गौशाला का सोशल मीडिया पर आधा दर्जन गौ वंशों का तड़पते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। कान्हा गौशाला मे भूख प्यास से बीमार आधा दर्जन गौवंश जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। अधिकरियों की सह पर गोपालक गोवंशों का चारा भूसा डकारने में लगे हैं। कान्हा गौशाला में 280 गौवंश थे। बताया जा रहा है कि मौके पर गोवंशों की संख्या 200 से भी कम है।

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि उत्तर प्रदेश सरकार गायों को लेकर जिले में काफी बजट भेजती है फिर भी गाय भूख-प्यास से तड़प कर अपना दम तोड़ देती हैं। वही बीमार गायों को सही से इलाज नहीं मिल पाता है। सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि अधिकारी गायों की मौतों पर चुप्पी साध जाते हैं जबकि बनी गौशालाओं में गायों की बड़ी संख्या में मौतें हो जाती हैं।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights