दिल्ली में हुई तीन छात्रों की मौत पर राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दुख व्यक्त करने के साथ ही नाराजगी जाहिर की है। राज्यसभा में उन्होंने कहा कि छात्रों की मौत अत्यंत गंभीर मुद्दा है। आप और हम रोज देखते हैं कि अखबार के पहले पेज पर कोचिंग का विज्ञापन, दूसरा पेज पर कोचिंग, र्थड पेज पर कोचिंग का विज्ञापन होता है। इस पर इतना भारी खर्च होता है। यह खर्चा कहां से आता है, यह खर्चा उन छात्रों से आता है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।
प्राधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में छात्र-छात्राओं की दुखद मौत की घटना पर सोमवार को राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा को मंजूरी दी गई। दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हुई है। राज्यसभा के सभापति ने कहा, “जब मैं इसरो गया तो आश्चर्यचकित रह गया। वहां कोई आईआईटी, कोई आईआईएम से नहीं था। केवल गांव के स्कूलों से पढ़े हुए लोग थे।”
राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी और स्वाति मालीवाल समेत कई सांसदों ने राजेंद्र नगर में हुए हादसे पर चर्चा की मांग की थी। चर्चा की मांग नियम 267 के अंतर्गत की गई, जिसके तहत संसद की अन्य कार्यवाही को स्थगित कर के खास विषय पर चर्चा कराई जाती है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर कहा कि यदि कांग्रेस व अन्य दल इस पर सहमत हो तो नियम 267 के तहत राज्यसभा में इस मसले पर चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चाहे जिस भी नियम के अंतर्गत चर्चा की जाए, लेकिन इस मामले पर तुरंत चर्चा की जानी चाहिए क्योंकि यह एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है। सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत चर्चा तभी संभव है, जब कांग्रेस समेत सभी महत्वपूर्ण राजनीतिक दल इस पर राजी हों।