उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के गैंगस्टर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है। वह चर्चा का विषय बना है। जिसमें कहा गया है कि “आप अपने डीजीपी को बता दें कि यदि अनुराग दुबे को छुआ तो हम ऐसा ऑर्डर पास करेंगे, जिसे आप (डीजीपी) जिंदगी भर याद रखेंगे।” सुप्रीम कोर्ट से जारी यह आदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन के खिलाफ फर्रुखाबाद में कई मामले दर्ज है। जिसमें धोखाधड़ी, मारपीट, जालसाजी, एनएसए, गुंडा एक्ट शामिल है। यही स्थिति अनुराग दुबे का भाई माफिया अनुपम दुबे के साथ है। उसके खिलाफ भी हत्या सहित अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज है। आरोप है कि दोनों भाई मिलकर गैंग चलते हैं। जिनका क्षेत्र में दबदबा है और उनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता है।

सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद के रहने वाले गैंगस्टर अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत पर सुनवाई हो रही थी। जिसमें अनुराग दुबे ने याचिका दाखिल की है कि उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज आपराधिक मुकदमों को रद्द करने से इनकार कर दिया। लेकिन दोनों पक्षों को सुनने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को लेकर सख्त टिप्पणी की। बीते गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील राणा मुखर्जी ने कहा कि अभियुक्त अनुराग दुबे जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह पुलिस के बुलाने पर पेश नहीं हो रहा है। इस पर अनुराग दुबे की तरफ से वकील अभिषेक चौधरी ने कहा कि अनुराग दुबे ने अपना हलफनामा पुलिस को भेजा है। जिसमें मोबाइल नंबर भी है। उसे डर है कि यदि पुलिस के पास गया तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अभिषेक चौधरी के इस कथन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी सामने आई। जिसमें उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता भयभीत है कि यदि वह पुलिस के पास गया तो ‘नए मामले’ में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कोर्ट ने पूछा की आप कितने मुकदमे दर्ज करेंगे? जमीन का विवाद है। यह केस दीवानी है या अपराधिक है? हर बार एक नया मुकदमा दर्ज हो रहा है। पुलिस अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। दीवानी न्यायालय की शक्ति पर हस्तक्षेप कर रहे हैं। इसी के साथ अदालत में अनुराग दुबे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

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