केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ किए गए वीडियो के संबंध में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित सात राज्यों के 16 नेताओं को तलब किया है।
मामले की जांच के तहत पुलिस राजस्थान, झारखंड, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गई है।
इससे पहले सोमवार को रेवंत रेड्डी समेत तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के सदस्य शिव कुमार अंबाला, अस्मा तस्लीम, सतीश मन्ने और नवीन पेटेम को एक मई को पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए तलब किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक लोकसभा उम्मीदवार और राजस्थान और नागालैंड में कांग्रेस के दो नेताओं को भी अपने मोबाइल फोन के साथ पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को भाजपा और गृह मंत्रालय (एमएचए) की शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल साइबर विंग की आईएफएसओ यूनिट ने भी एफआईआर दर्ज की।
आईएएनएस के पास उपलब्ध एफआईआर की प्रति के अनुसार गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह पाया गया है कि कुछ छेड़छाड़ किए गए वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर प्रसारित किए जा रहे हैं।
“ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसमें समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। इससे शांति और व्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना है। मंत्रालय ने अनुरोध किया है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें।
इसमें यह भी कहा गया है कि शिकायत के साथ एक रिपोर्ट संलग्न की गई है, जिसमें उन लिंक और हैंडल का विवरण है, जिनसे गृह मंत्री के छेड़छाड़ किए गए वीडियो शेयर किए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया, जिसमें कथित तौर पर गृह मंत्री अमित शाह को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण प्रावधानों को रद्द करने के भाजपा के इरादे का संकेत देते हुए दिखाया गया है।