पूर्व सासंद राहुल गांधी ने अडानी का नाम लेकर कांग्रेस पार्टी छोड़ने वालों पर निशाना साधा है। राहुल गांधी एक ट्वीट कर कहा कि ये लोग ‘सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज भटकाते हैं!’ उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की है। तस्वीर में उन नेताओं के नाम लिखे हैं जिन्होंने हाल फिलहाल और कुछ समय पहले कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था।
शनिवार को तस्वीर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, “सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज भटकाते हैं! सवाल वही है – अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं?” राहुल गांधी ने जो तस्वीर शेयर की है उसनें अडानी के नाम के इर्द-गिर्द गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण कुमार रेड्डी, हिमंत बिस्वा सरमा और एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी का नाम लिखा है। बता दें कि ये सभी नेता पहले कांग्रेस पार्टी में रहे हैं। इनमें से पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ी है। वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधने को लेकर चर्चा में हैं।
बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि चीन के मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी कोई जवाब नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘20,000 करोड़ अडाणी की शेल कंपनियों में बेनामी पैसे किसके हैं – प्रधानमंत्री चुप, कोई जवाब नहीं! 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन चीन ने छीन ली, जगहों के नाम भी बदल रहा है, प्रधानमंत्री चुप, कोई जवाब नहीं! प्रधानमंत्री जी, आखिर इतना डर क्यों?’’
अनुभवी नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा था कि राहुल गांधी प्राथमिक कारण थे जिनकी वजह से उन्होंने एवं कई अन्य ने कांग्रेस को छोड़ा। उन्होंने दावा किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी में रहने के लिए ‘रीढ़विहीन’ होने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि अब न ही कांग्रेस संसदीय पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के हाथ में और न ही कांग्रेस अध्ययन मल्लिकार्जुन खरगे के हाथ में है कि वे चाहकर भी पार्टी में उनकी वापसी करा दें। आजाद ने जोर देकर कहा कि अगर राहुल गांधी भी उन्हें पार्टी में वापस आने को कहेंगे तो यह ‘देर से उठाया गया अपर्याप्त’कदम होगा।
वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने 23 अगस्त 2015 को बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के घर जाकर बीजेपी का दामन थामा था। बीजेपी ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव के लिए हिमंत को संयोजक बना दिया और उसके बाद वे अब सीएम हैं। वहीं कांग्रेस सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी साल 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।