राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें राजस्‍थान की राजनीति का रावण बताए जाने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर तीखा पलटवार किया। संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत की कथित संलिप्तता की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि अगर ‘‘मैं रावण हूं तो तुम राम बन जाओ और निवेशकों का पैसा लौटाओ।”

इसके साथ ही गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को ललकारते हुए कहा कि ‘‘आप मुझ पर पत्थर फेंकोगे मैं उनसे गरीबों के लिए मकान बनवा दूंगा।” गहलोत ने हनुमानगढ़ के रावतसर कस्बे में महंगाई राहत शिविर के अवलोकन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस घोटाले में केंद्रीय मंत्री के मित्र जेल में हैं और उनके खुद की भी जेल जाने की नौबत है।

गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मुल्जिम हैं तो उन्‍हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। उल्‍लेखनीय है कि शेखावत ने बृहस्पतिवार को चित्तौड़गढ़ में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में अपने भाषण के आखिर में कहा, ‘‘राजस्थान में राजनीति के इस रावण अशोक गहलोत को समाप्त करना चाहते हो तो भुजाएं उठाओ और राजस्थान में राम राज्य की स्थापना के लिए संकल्प कीजिए।”

गहलोत ने इसका जिक्र करते हुए शुक्रवार को शेखावत पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा नेता झल्लाकर मेरे बारे में अपशब्द कहने लगे हैं आजकल। मैं रावण हूं? तुमने (शेखावत ने) लूट लिया वहां संजीवनी सोसायटी में दो-ढाई लाख लोग बेचारे बर्बाद हो गए हैं। पैसे खाकर बैठ गए। जेलों में बंद हैं उनके मित्र लोग। उनके मित्रों को जेल में डाला हुआ है। वो भी कभी भी जेल जा सकता है ऐसी नौबत है।”

उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने केंद्रीय मंत्री द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसका जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘अभी उच्‍च न्‍यायालय से उसने स्‍थगन लिया है। वह कहता था कि मैं तो मुल्जिम हूं ही नहीं… तुम मुल्जिम नहीं हो तो हाईकोर्ट गए ही क्‍यों? वहां जमानत क्यों करवाई अभी?” मुख्‍यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘कितनी भी जमानत करवा लो। मुल्जिम है, केंद्रीय मंत्री है तो नैतिकता के आधार पर या तो इस्तीफा दें या प्रधानमंत्री मोदी उसको बर्खास्त करें… अपने कैबिनेट में इतने भ्रष्ट आदमी को क्यों रखा है? मैं यह पूछना चाहता हूं।”

गहलोत ने कहा, ‘‘वह (शेखावत) कहता है कि अशोक गहलोत रावण है… मैं रावण हूं चलो मैं रावण हूं तो तुम राम बन जाओ। भइया इन ढाई लाख लोगों के पैसे चुका दो। मैं कहूंगा कि तुम राम की तरह ही व्यवहार कर रहे हो। तुम मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनना सीखो, राम की जो भक्ति करते हैं भगवान राम का जो संदेश है मर्यादा पुरुषोत्तम राम क्‍या तुम्‍हारी सोच ऐसी है तुम इतने भ्रष्ट आदमी हो। तुमने लूट लिया लोगों को। ठेठ वहां इथोपिया में, दुनिया के मुल्कों में जाकर तुमने फार्म हाऊस खरीद लिए। पैसा वहां ले गया। जितनी प्रॉपर्टी है संजीवनी की व इनके पास की बेचकर उन गरीबों का पैसा चुकाओ।”

उल्‍लेखनीय है संजीवनी घोटाले मामले में पीड़ित लोग कई बार गहलोत से मिले थे। इसका जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘गरीब मुझसे मिले तीन बार मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं ऐसी स्थिति बनी हुई उन गरीब लोगों की बूढ़े लोग है औरतें हैं उनको झांसा देकर अच्‍छे ब्याज का पैसा लूट लिया। अब झल्लाकर भाजपा वाले अपशब्द कह रहे हैं मुझे मेरा काम तो सेवा करने का है।”

भाजपा नेताओं को ललकारते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘भाजपा वालो आप मुझ पर पत्थर फेंकोगे, मैं उनसे गरीबों के लिए मकान बनवा दूंगा ऐसी मेरी सोच है।” उन्‍होंने कहा, ‘‘अरे पत्‍थर फेंको, हिम्मत है तो, उनसे घर बनवाऊंगा, स्‍कूल बनवाउंगा, अस्पताल बनवाऊंगा यह मेरी सोच है। तुम्हारी तरह सोच नहीं है कि आलोचना करो ही मत। आलोचना करो तो जेल जाओ।”

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