उत्तर प्रदेश के बरेली से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला जो गरीबों जैसी जिंदगी जीती थी, महीनों में करोड़ों रुपए कमाती थी। पुलिस जांच में पता चला कि यह महिला विवादित जमीनों के फर्जी कागजात तैयार करके करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर रही थी।

महिला के बैंक खाते से 3 करोड़ रुपए के लेनदेन का खुलासा हुआ है, जबकि उसे सिर्फ 15 हजार रुपए दिए गए थे। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

गिरोह का सरगना और तरीका
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह सावन जायसवाल नाम के व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा था, जो एक निलंबित चकबंदी लेखपाल है। इस गिरोह ने बरेली और आसपास के जिलों में फर्जी कागजात के जरिए विवादित जमीनें बेचने का धंधा फैला रखा था। गिरोह में कई महिलाओं और पुरुषों को शामिल किया गया था।

गिरोह के लोग सस्ते दामों पर दूसरे जिलों से महिलाओं को लाकर उनके फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाते थे। इन महिलाओं को जमीन का फर्जी मालिक बनाकर प्लॉट की रजिस्ट्री करवाई जाती थी। असली खरीदारों को प्लॉट बेचने के बाद, जब वे कब्जा लेने जाते थे, तो वहां विवाद की स्थिति पैदा हो जाती थी, क्योंकि जमीन या विक्रेता का अस्तित्व ही नहीं होता था।

रेनू की गिरफ्तारी
गिरोह की सदस्य रेनू, जो पीलीभीत जिले के जहानाबाद थाना क्षेत्र की रहने वाली है, को रविवार को गिरफ्तार किया गया। सावन जायसवाल और उसके साथियों ने रेनू को लालच देकर बरेली लाया और फर्जी कागजात बनवाकर उसे जमीन का मालिक दिखा दिया। रेनू के खाते से 3 करोड़ का लेनदेन हुआ, लेकिन उसे सिर्फ मामूली रकम दी गई।

पुलिस का दावा
पिछले तीन हफ्तों में पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज किए हैं और सरगना सहित कई सदस्यों को जेल भेजा है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस गिरोह के बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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