उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक तरफ जहां पांच राज्यों के चुनाव के बाद कांग्रेस पर दबाव बनाने में जुटे हैं वही उनके अपने सहयोगी दल उनको नसीहत देने में जुटे हैं। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और महान दल ने 2024 के लोकसभा चुनावों में यूपी में गठबंधन की सफलता की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी पर डालते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से आग्रह किया है कि अगर गठबंधन वास्तव में है तो ‘त्याग की भावना’ विकसित करें।

इस बीच, रालोद के प्रदेश अध्यक्ष राम आशीष राय ने सपा अध्यक्ष से उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया कुछ महीनों में पूरी हो जानी चाहिए। आम चुनाव में बहुत कम समय बचा है और भारतीय साझेदारों के बीच सीट बंटवारे की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करनी होगी, अन्यथा बीजेपी का मुकाबला करना मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था को जल्द ही अंतिम रूप नहीं दिया गया, तो भारत गठबंधन भाजपा के खिलाफ अप्रभावी साबित होगा, जो तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपनी हालिया जीत के बाद फिर से उभरी है।

आरएलडी ने 2019 का लोकसभा और 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था। पिछले साल मई में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के रिश्ते खराब हो गए थे। हालांकि, समाजवादी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी सीट बंटवारे पर फैसला नहीं कर सकी क्योंकि इस संबंध में निर्णय विपक्षी ब्लॉक के नेतृत्व की बैठक में लिया जाएगा।

दोनों पार्टियों ने एक महीने के अंदर उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा है। महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कहा, “ईवीएम का रोना रोने की बजाए अपनी रणनीति पर काम करने की जरूरत है। महान दल का, जो 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का सहयोगी था।

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