मुजफ्फरनगर की अदालत ने एक युवक को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में भाई-बहन को दोषी ठहराते हुए 5 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार त्यागी ने बताया कि थाना चरथावल क्षेत्र के गांव न्यामु के जंगल में 15 वर्ष पूर्व संजय पुत्र महावीर का शव बरामद हुआ था। महावीर सिंह की तहरीर पर इस मामले में पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
पुलिस ने घटना का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी। जांच में सामने आया था कि संजय पुत्र महावीर के गांव की युवती पिंकी पुत्री सलेक्चन्द से अवैध संबंध थे। 9 नवंबर 2008 की रात को पिंकी ने संजय को फोन कर अपने घर बुलाया था। जहां पिंकी के भाई रजनीश ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया था।
रजनीश ने गांव वालों की पंचायत बुलाकर उसमें पेश करने और सारा मामला बताने की बात कहते हुए संजय को घर के कमरे में बंद कर दिया था। इसके बाद आत्मग्लानि में संजय ने कमरे की छत के हुक में रस्सी का फंदा डालकर खुदकुशी कर ली थी।
पुलिस जांच में सामने आया था कि खुदकुशी के बाद संजय का शव एक रेडी में डालकर जंगल ले जाया गया। पुलिस के अनुसार, पिंकी के भाई रजनीश ने संजय का शव घर से ले जाकर गांव में बॉबी पुत्र रतिराम के खेत में डाल दिया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्यागी ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई एडीजे प्रथम जय सिंह पुंडीर ने की। उन्होंने मामले को खुदकुशी का मानते हुए इसके लिए उकसाने में पिंकी और उसके भाई रजनीश पुत्र सलेक्चन्द को 5 साल कैद की सजा सुनाई।