प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नई दिल्ली में सीबीसीआई केंद्र परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने रकहा कि क्रिसमस की खुशियों में आप सबके साथ जुड़ने का ये अवसर, ये दिन, हम सब के लिए यादगार रहने वाला है। ये अवसर इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी वर्ष सीबीसीआई की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मैं इस अवसर पर सीबीसीआई और उससे जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मोदी ने कहा कि कुछ ही हफ्ते पहले, महामहिम कार्डिनल जॉर्ज कुवाकाड को परम पावन पोप फ्रांसिस ने कार्डिनल की उपाधि से सम्मानित किया है। इस आयोजन में भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक रूप से एक हाई लेवल डेलिगेशन भेजा था। जब भारत का कोई बेटा… सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचता है, तो पूरे देश को गर्व होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो… किसी भी विपत्ति में हो… आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है… इसे अपना कर्तव्य समझता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी विदेश नीति में भी राष्ट्रहित के साथ-साथ मानव हित को प्राथमिकता देता है। कोरोना के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी और महसूस भी किया। उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में, हमारे देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि गरीबों में एक उम्मीद जगी कि हां, गरीबी से जंग जीती जा सकती है। बीते 10 साल में, भारत 10वें नंबर की इकोनॉमी से 5वें नंबर की इकोनॉमी बन गया है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि हमने खुद पर भरोस किया।

मोदी ने कहा कि प्रभु ईसा मसीह की शिक्षाएं प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का जश्न मनाती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस भावना को मजबूत बनाने के लिए काम करें। हालाँकि, जब हिंसा फैलाने और समाज में व्यवधान पैदा करने की कोशिश की जाती है तो मुझे बहुत दुख होता है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले, हमने देखा कि जर्मनी के क्रिसमस बाज़ार में क्या हुआ। यह आवश्यक है कि हम ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए एक साथ आएं!

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम सबके सामूहिक प्रयास… हमारे देश को आगे बढ़ाएंगे। विकसित भारत हम सभी का लक्ष्य है और हमें इसे मिलकर पाना है। ये आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें एक उज्ज्वल भारत देकर जाएं। उन्होंने कहा कि क्रिसमस और भी खास हो जाता है क्योंकि आप जयंती वर्ष की शुरुआत करते हैं, जो आप सभी के लिए बहुत महत्व रखता है। मैं जयंती वर्ष के लिए नियोजित विभिन्न पहलों के लिए आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। इस बार, जयंती वर्ष के लिए, आपने एक ऐसी थीम चुनी है जो आशा के इर्द-गिर्द घूमती है। पवित्र बाइबल आशा को शक्ति और शांति के स्रोत के रूप में देखती है!

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