कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय की शराब और पोर्न की लत सामने आई है। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले शराब पी थी और अश्लील फिल्में देखी थीं। इस जघन्य अपराध के विरोध में देशभर में रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हो गई है। इसी बीच मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया है।
9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव पाया गया। आरोपी संजय रॉय ने रेप और हत्या की बात स्वीकार कर ली है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (रेप) और 103 (मर्डर) के तहत केस दर्ज किया है। संजय रॉय फिलहाल 14 दिन की पुलिस कस्टडी में है।
आरोपी संजय रॉय शराब पीने और पोर्न फिल्में देखने का आदी था। उसकी चार शादियां हो चुकी थीं, जिनमें से तीन पत्नियां उसे छोड़कर जा चुकी थीं, और चौथी पत्नी की पिछले साल कैंसर से मौत हो गई थी। वारदात की रात, संजय रॉय ने अस्पताल के पीछे जाकर शराब पी और पोर्न फिल्म देखी। इसके बाद वह अस्पताल में दाखिल हुआ और वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस को घटनास्थल पर खून के धब्बे और आरोपी के कपड़े मिले, जिनसे उसकी संलिप्तता साबित होती है। आरोपी को पकड़ने में पुलिस ने एक ब्लूटूथ ईयरबड की मदद ली, जो घटनास्थल पर मिला था और आरोपी के फोन से कनेक्ट हुआ। संजय रॉय एक सिविक वालंटियर है, जो अस्थायी पुलिस सहायता प्रदान करता है।
इस घटना के विरोध में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FRODA) ने आज से देशभर में हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल के दौरान ओपीडी, इलेक्टिव सर्जरी और लैब सेवाएं बंद रहेंगी। डॉक्टरों ने पुलिस की जांच में तेजी लाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी 48 घंटे के भीतर जांच पूरी कर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसी संभावना है कि आरोपी ने पहले महिला डॉक्टर की हत्या की, फिर उसके साथ बलात्कार किया था। डॉक्टर अस्पताल के सेमिनार हॉल में अकेली सो रही थी। उसने विरोध किया, लेकिन उसे गला घोंटकर मार दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है, “पीड़िता की दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था। चेहरे पर चोटें थीं। उसके प्राइवेट पार्ट से भी ब्लीडिंग हो रही थी। उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ, उंगली और होंठ पर भी चोटें थी।”
इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टरों और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस ने केवल एक आरोपी को पकड़ा है, जबकि इस जघन्य कांड में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। उनका दावा है कि आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी के पीछे किसी बड़ी बात को जानबूझकर छिपाने की कोशिश की जा रही है।