उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में योगी सरकार द्वारा शुरू कराए गए ऑपरेशन कनविक्शन के तहत जघन्य अपराधों के मामले में जल्द फैसले सुनाए जाने से वादकारियों को शीघ्र न्याय मिलने लगा है। ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर का है, जहां बुधवार को महज 4 साल में बुलंदशहर की एडीजे प्रथम कोर्ट के न्यायाधीश ने 3 मासूम बच्चों की गोली मारकर नृशंस हत्या करने के दोषी सलमान, इमरान और बिलाल को मृत्युदण्ड और एक-एक लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। हथियारों को फांसी की सजा मुकर्रर किए जाने के बाद पीड़ित परिवार ने सरकार और न्यायालय दोनों का आभार जताया है।
बुलंदशहर की एडीजे प्रथम कोर्ट के एडीजीसी विजय शर्मा ने बताया कि जहांगीराबाद के गांव जलीलपुर निवासी माहे आलम और जमशेद दोनों भाई बुलंदशहर के कोतवाली देहात क्षेत्र में आकर रहने लगे थे। 24 मई 2019 को माहे आलम और जमशेद ने अपने घर पर रोजा इफ्तार पार्टी रखी थी जिसमें गांव के ही सलमान बिलाल और इमरान को नहीं बुलाया। जिसके बाद वह दोनों भाइयों से रंजिश रखने लगे। 24 मई 2019 को घर के बाहर खेल रही अलीबा(7) पुत्री माहे आलम, आसमां (9) पुत्री जमशेद और अब्दुल रहमान (8)पुत्र हसीन अचानक गायब हो गए काफी तलाशने के बाद पता चला कि गांव के ही तीन युवक बहला फुसलाकर तीनों बच्चो को अपने साथ ले गए। जब काफी तलाश किया तो शिकारपुर थाना क्षेत्र के गांव धतूरी में तीनों के शव बरामद हुए। गोली मार कर तीनों बच्चों की हत्या की गई थी। हत्या के बाद शवों को ट्यूबवेल की होदी में डाल दिया गया। एडीसी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि उक्त संदर्भ में माहे आलम पुत्र सरदार का निवासी फैसलाबाद ने अलीबा, आसमा और अब्दुल रहमान की नृशंस हत्या करने के आरोप में सलमान पुत्र अलीमुद्दीन बिलाल पुत्र असलम निवासी जलीलपुर थाना जहांगीराबाद और इमरान पुत्र असगर निवासी मिर्जापुर बुलंदशहर के खिलाफ बुलंदशहर कोतवाली देहात में धारा 302 और 201 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि तीन बच्चों की नृशंस हत्या के मामले को जघन्य अपराध मानते हुए ऑपरेशन कनविक्शन में चिन्हित किया गया। पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। गवाहों के बयानों को शीघ्रता से पूरा कराया। सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कनविक्शन के तहत शीघ्र वाद की प्रक्रिया को संपन्न कराया गया। जिससे पीड़ित पक्ष को शीघ्र न्याय मिल सका।
बुलंदशहर की एडीजे प्रथम कोर्ट के एडीजीसी विजय शर्मा ने बताया कि सोमवार को अलीबा, आसमां और अब्दुल रहमान की हत्या के दोषी सलमान पुत्र अलीमुद्दीन, बिलाल पुत्र असलम निवासी जलीलपुर और इमरान पुत्र असगर निवासी मिर्जापुर को दोषी करार दिया गया था। बुधवार को उक्त मामले में एडीजे प्रथम कोर्ट के न्यायाधीश मनु कालिया ने तीनों हत्यारों को मृत्युदंड और एक-एक लाख रुपये अर्थ दंड की सजा मुकर्रर की है।
आसमां के पिता जमशेद ने हत्यारों को फांसी की सजा मुकर्रर होने के बाद न्यायालय के प्रति आस्था जताई। पीड़ित परिवार ने दो टूक कहा कि सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन कनविक्शन के बाद जल्द न्याय मिलने की उम्मीद थी। लेकिन महज 4 साल में सजा मिलने के बाद भरोसा बढ़ गया है। पीड़ित परिवार ने सरकार और न्यायालय के प्रति आभार जाता है।