देश के कई राज्यों के साथ दिल्ली में भी करोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। छह महीने बाद कोरोना की रफ्तार इतनी अधिक है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की मौजूदगी में शुक्रवार को एक हाई लेवल मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने भरोसा दिया कि सरकार संक्रमण से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री ने अभी किसी तरह की पाबंदी का ऐलान नहीं किया और मास्क को भी अनिवार्य नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने ऐसे सभी लोगों को मास्क लगाने की सलाह दी जिन्हें सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण हों।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति पर कहा कि अभी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। नया स्वरूप, यदि कोई है तो उसकी समय पर पहचान करने के लिए सभी संक्रमित लोगों के नमूनों की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के एक्सबीबी1.16 उप स्वरूप के मामले अधिक हैं। सामने आए कुल मामलों में 48 प्रतिशत मामले इस उप स्वरूप के हैं, यह आसानी से फैलता है लेकिन इतना गंभीर नहीं है।

पिछले चार-पाच दिन में संक्रमण से तीन मरीजों की मौत हुई। संभवत: वे पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी व्यस्कों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। दूसरी खुराक 18 वर्ष से कम आयु के लगभग सभी लोगों को दी जा चुकी है। सीएम ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त बिस्तर, एम्बुलेंस और ऑक्सीजन उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोविड-19 की स्थिति पर नजर बनाए हुए है, किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं। दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए पृथक वार्ड बनाने का निर्देश दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि आगे केंद्र सरकार जो भी गाइडलाइंस देगी उसके मुताबिक कदम उठाए जाएंगे। जब स्कूलों को बंद करने को लेकर सवाल किया गया तो केजरीवाल ने कहा कि अभी ऐसी कोई जरूरत नहीं है, आगे फिर स्थिति का आकलन करते हुए फैसले लिए जाएंगे।

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