उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गांधी परिवार की आलोचना करते हुए कहा कि वंशवादी राजनीति करने वाले नेता खुद को देश और कानून से ऊपर समझते हैं। एएनआई से बात करते हुए मौर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गांधी परिवार की गुलाम की तरह काम कर रही है। देश के सभी 140 करोड़ लोगों के लिए संविधान एक समान है। नेशनल हेराल्ड मामले में बहुत बड़ा घोटाला हुआ, बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ, जिसकी जांच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही शुरू हुई थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जांच एजेंसियों को अपना काम करने देना चाहिए।

वहीं, एक्स पर केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा कि लोकतंत्र में संविधान और क़ानून से बड़ा कोई नहीं। लेकिन विडंबना यह है कि परिवारवादी राजनीति की चाशनी में पले-बढ़े नेता खुद को देश और संविधान-कानून से अपने को बड़ा समझने का अहंकार पाल लेते हैं। आज की तारीख़ में गांधी परिवार इसकी जीती-जागती मिसाल है। इस मामले में उनका अहंकार शिखर पर है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार के दो अहम सदस्य सोनिया गांधी और उनका बेटा राहुल गांधी ज़मानत पर है। यानी अदालत ने उनको ज़मानत दी है। अब अगर अदालत की कार्यवाही पर सवाल उठाया जाता है तो यह क़ानून के राज का सीधा अपमान है। 

मौर्य ने कहा कि संविधान की लाल किताब जिसे राहुल गांधी अपने कपार में रखकर देश भर में घूमते हैं, उसी के मुताबिक़ उन पर कार्रवाई की जा रही है। जैसा कि संवैधानिक एजेंसी ईडी ने मां-बेटा दोनों को लेकर चार्जशीट फाइल की है, अगर दोनों इससे संतुष्ट नहीं है तो वह अदालत की चौखट पर जा सकते हैं। लेकिन जांच को बदले को राजनीति कहना सरासर संविधान और कानून का अपमान है। समस्या यह भी है कि ऐसे मामले में सभी परिवारवादी पार्टियों का सुर एक हो जाता है जो लोकतंत्र का अपमान है। 

भाजपा नेता ने दावा किया कि यह जगज़ाहिर है कि गांधी परिवार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है। बाक़ी परिवारवादी राजनीति करने वाले भी उससे अछूते नहीं रहे हैं। लेकिन यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार का मतलब ही है कानून का राज जिसमें किसी भी भ्रष्टाचारी को बख़्शा नहीं जाता है। इससे पहले आज कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन ईडी द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के बाद किया गया। दिल्ली में कांग्रेस के कुछ नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस कार्यालय के पास सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की थी।

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