उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की। जेपी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुलाया था। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक मीटिंग चली। इसके बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के साथ भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में संगठन और सरकार के बीच तनाव को कम करने पर बातचीत हुई। साथ ही मीटिंग में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इसलिए भाजपा अब 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है। इसी को लेकर यूपी बीजेपी कार्यसमिति की बैठक भी हुई। बैठक में जिस तरीके से अलग-अलग विचार सामने आए। इससे यूपी में बड़े नेताओं के बीच मतभेद की चर्चा हो रही है। पार्टी चाहती है कि इस पर लगाम लगे और पार्टी-सरकार दोनों में चट्टान की तरह एकता दिखाई दे, ऐसा संदेश दिया गया है। कार्यसमिति की बैठक में केशव मौर्य ने भी एक बड़ा बयान दे दिया था। जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुलाया और उनसे मुलाकात की।
कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने एक बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा, “जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है और बीजेपी में सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा।” मौर्य ने आगे कहा था कि 7 कालिदास मार्ग कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है। केशव मौर्य के इसी बयान के बाद यूपी की सियासत चर्चा के केंद्र में आ गई थी।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कल यानी मंगलवार को दिल्ली आए। उन्होंने भाजपा के जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान नड्डा की ओर से कहा गया कि किसी भी सूरत में सरकार और संगठन के तालमेल को लेकर ऐसी कोई बयानबाजी ना की जाए जिससे पार्टी हित का नुकसान हो। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर भी इस मीटिंग में चर्चा की गई है।