केजरीवाल कथित शराब घोटाले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होंगे।

सूत्रों ने बताया कि वह एक चुनावी रोड शो के लिए मध्य प्रदेश जाएंगे।

केजरीवाल को ईडी ने पूछताछ के लिए 2 नवंबर बुलाया था। वो ईडी की पूछताछ में शामिल नहीं होंगे और अपने पंजाब समकक्ष भगवंत मान के साथ मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक रोड शो में भाग लेने जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल थोड़ी देर में मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे।

बता दें कि ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में आज पेश होने के लिए बुलाया था।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि नोटिस भाजपा (BJP) के इशारे पर भेजा गया है।

उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नोटिस यह सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है कि मैं चार राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए जाने में असमर्थ रहूं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि ED को तुरंत नोटिस वापस लेना चाहिए।

बता दें कि ईडी ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को बुलाया है।

यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री को कथित घोटाले के संबंध में ईडी ने तलब किया है।

ईडी के सामने पेश होने से पहले उनका राजघाट जाने का कार्यक्रम था और उसी के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने भी अर्धसैनिक बल सहित बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ ईडी कार्यालय और राजघाट पर सुरक्षा बढ़ा दी थी।

इस बीच, पुलिस ने केजरीवाल के आवास के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी है।

सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था। ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।

इस सप्ताह की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

सीबीआई ने कथित शराब घोटाले में अप्रैल में केजरीवाल से पूछताछ की थी, जिस दौरान उनसे लगभग 56 सवाल पूछे गए थे। पूछताछ के बाद केजरीवाल ने पूरे मामले को “मनगढ़ंत” और आप को खत्म करने का प्रयास करार दिया था।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति की जांच कर रहे हैं, जिसमें कथित तौर पर कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया था, हालांकि इस आरोप का आप ने दृढ़ता से खंडन किया है।

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले साल जुलाई में नीति बनाने और इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में विभिन्न कथित अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है, जिसमें नीति के तहत कोविड-19 के चलते बिक्री के प्रभावित होने के नाम पर खुदरा लाइसेंसधारियों को 144 करोड़ रुपये की छूट और हवाईअड्डा क्षेत्र के लिए एक सफल बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये का किया गया रिफंड शामिल है, जो वहां शराब की दुकान खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करने में विफल रहा था।

उन्होंने कहा कि एक और आरोप यह है कि थोक लाइसेंसधारियों का कमीशन “किसी चीज के बदले में’’ पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया।

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