दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी के समन को तीसरी बार नजरअंदाज करने वाले मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने बुधवार को जांच एजेंसी को लिखा कि वह राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं, लेकिन एजेंसी की किसी भी प्रश्नावली का जवाब देने के लिए तैयार हैं।

आप प्रमुख ने एजेंसी से अपने पहले के पत्रों का जवाब देने के लिए कहा जिसमें उन्होंने कथित पूछताछ/जांच के लिए बुलाए जाने से जुड़े वास्तविक इरादे और इस पूछताछ की प्रकृति और दायरे को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था।

उन्होंने समन के जवाब में कहा, उपर्युक्त महत्वपूर्ण पहलुओं पर आपकी चुप्पी मुझे यह निष्कर्ष निकालने के लिए प्रेरित करती है कि आप अनुचित गोपनीयता बनाए हुए हैं और वर्तमान मामले में अपारदर्शी और मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं।

केजरीवाल ने इससे पहले दो नवम्बर और 21 दिसम्बर के दो समन पर संघीय एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था और नोटिस को ‘अवैध’ और ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया था।

दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीट के लिए होने वाले चुनाव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते मैं इस इस प्रक्रिया से जुड़ा हूं। इन महत्वपूर्ण चुनाव के लिए तैयारी में जुटा हूं।

दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मैं गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी 2024 के लिए कई कार्यक्रमों और समारोहों की योजना और तैयारियों में व्यस्त हूं। दिल्ली के इन मौजूदा राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 27 जनवरी 2024 को समाप्त हो जाएगा।

केजरीवाल ने कहा, यदि एजेंसी उनसे कोई जानकारी मांगती है, तो उन्हें किसी प्रश्नावली का जवाब देने में प्रसन्नता होगी। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले की जांच के तहत गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं।

ईडी की ओर से समन भेजने के समय पर सवाल उठाते हुए ‘आप’ ने बुधवार को कहा कि ईडी ने अभी तक यह जवाब नहीं दिया है कि केजरीवाल को किस हैसियत से बुलाया जा रहा है-एक गवाह के रूप में या एक आरोपी के रूप में।

आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति से जुड़ा पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है जिसका मकसद केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने का प्रयास करना है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि समन उन तक पहुंचने से पहले ही मीडिया में प्रसारित हो चुका था।

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