केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय दल ने सोमवार को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में दो राहत शिविरों का दौरा किया। मणिपुर गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चुराचांदपुर जिले के वेंग में असम राइफल्स के हेलीपैड पर उतरने के बाद केंद्रीय दल न्यू लामका के डोरकास वेंग में एक राहत केंद्र गया, जहां गृह सचिव ने बच्चों के लिए एक क्रेच सुविधा और महिलाओं के लिए सिलाई कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इन दोनों कार्यक्रमों का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को सहायता और सशक्त बनाना है।

बयान में कहा गया है कि केंद्रीय गृह सचिव और मणिपुर के राज्यपाल के बीच सोमवार को बैठक हुई जिसमें आसूचना ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन कुमार डेका, मणिपुर के मुख्य सचिव, मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के लिए राहत एवं पुनर्वास प्रयासों, सीमा पर बाड़ लगाने और समग्र कानून व्यवस्था की स्थिति सहित राज्य से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।’’ बयान के अनुसार, बैठक के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों एवं घाटी दोनों में आईडीपी के लिए जारी राहत उपायों की समीक्षा की गई और विस्थापित व्यक्तियों को प्रदान की जा रही वर्तमान सुविधाओं, पुनर्वास प्रयासों की स्थिति और उनके स्थायी पुनर्वास के लिए दीर्घकालिक योजना का विस्तृत मूल्यांकन किया गया।

बैठक में भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने के कार्य में प्रगति और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया गया। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव और आईबी निदेशक के नेतृत्व में केंद्रीय टीम ने चुराचांदपुर में दो राहत शिविरों में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों से बातचीत की और दोनों शिविरों की स्थिति का निरीक्षण किया।

टीम ने डोरकास वेंग में राहत केंद्र का दौरा किया, जहां केंद्रीय गृह सचिव ने बच्चों के लिए एक ‘क्रेच’ सुविधा और महिलाओं के लिए सिलाई कार्यक्रम का उद्घाटन किया। टीम ने तुइबोंग में सद्भावना मंडप में एक राहत शिविर का भी दौरा किया, जहां गोविंद मोहन ने शिविर में बच्चों के लिए पुस्तकालय के साथ एक क्रेच का उद्घाटन किया। टीम के साथ मणिपुर के मुख्य सचिव पी.के. सिंह, पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह, चुराचांदपुर के उपायुक्त धरुण कुमार एस और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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