पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में शामिल है। यह पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों में दिए जाते हैं। असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म विभूषण’, उच्च स्तर की विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म भूषण’ और किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया जाता है। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। बुधवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साल 2023 के पद्म सम्मान विजेताओं को प्रदान किए। इस समरोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य मौजूद थे। देखिए साल 2023 के पद्म सम्मान विजेताओं की लिस्ट।

इस साल पद्म सम्मान पाने वालों में जाने-माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा, प्रसिद्ध पाश्र्व गायिका सुमन कल्याणपुर और अन्य हस्तियां शामिल हैं। बुधवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित समरोह में 50 से अधिक लोगों को पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए गए।

वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कार प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों की सूची में 19 महिलाएं हैं और विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 2 व्यक्ति और 7 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं। चार अन्य पद्मभूषण/पद्मश्री पुरस्कार मरणोपरांत हैं।

अरबपति शेयर बाजार निवेशक राकेश झुनझुनवाला, जिनका पिछले साल निधन हो गया, को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार दिया गया। पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पद्म विभूषण भी वास्तुकला के लिए प्रोफेसर बालकृष्ण दोशी को मरणोपरांत प्रदान किया गया।

भारतीय पाश्र्व गायिका सुमन कल्याणपुर को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, जो चार दशक के करियर के दौरान हिंदी, मराठी और 11 अन्य भाषाओं में अनगिनत हिट गानों के लिए जानी जाती हैं। राष्ट्रपति ने साहित्य और शिक्षा के लिए प्रोफेसर कपिल कपूर को पद्मभूषण से भी सम्मानित किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के पूर्व प्रोफेसर, उन्हें भारतीय ज्ञान प्रणालियों को एकीकृत करके और समर्पित संस्थानों की स्थापना करके उच्च शिक्षा को स्वदेशी बनाने का प्रयास करने के लिए जाना जाता है।

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