उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी 2025 में 12 साल बाद महाकुंभ मेला लगने वाला है। इस दौरान संतों ने मेला क्षेत्र से मुस्लिमों को दूर रखने और उनके एंट्री पर रोक लगाए जाने की मांग की है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस मांग का समर्थन किया है।
कुंभ मेले में मुसलमानों की ‘नो एंट्री’ पर शंकराचार्य ने कहा, “कौन मुसलमान हैं और कौन हिंदू हैं, यह पहचाना भी अब कठिन हो चुका है। अब तो लोग धर्मांतरण भी कर लेते हैं, लेकिन अपना नाम नहीं बदलते हैं। जब कोई आ रहा हो, तब उसे रोका जाए जब किसी के आने की ही बात नहीं है तो कल्पना करने की कोई बात ही नहीं है। हालांकि, यह बात सही है कि कुंभ का पर्व एक धार्मिक पर्व है, क्योंकि वही लोग मानते हैं कि गंगा में स्नान करने से पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं। इस्लाम में इस तरह की कोई बात नहीं है और इसलिए उनके कुंभ में आने का कोई मतलब नहीं निकलता है और वे लोग आते भी नहीं हैं।”
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कहा, “महाराष्ट्र की संभावनाओं के बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता है और न ही मैं चुनावी पंडित हूं। मुझे चुनावी राजनीति के बारे में अधिक जानकारी भी नहीं है। लेकिन, मैं यह जरूर कहूंगा कि हमारी इच्छा है कि जो सरकार इस समय वहां पर काम कर रही है, वही आगे भी काम करती रहे। वहां की सरकार ने गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया है। हम चाहते हैं कि अभी उन्होंने सिर्फ दर्जा दिया है, लेकिन यही सरकार आगे बनी रहती है तो गौ माता की जीवन पद्धति और आगे की व्यवस्था को भी बनाएगी। अगर यह सरकार रहेगी तो आदर्श व्यवस्था भी बनाई जाएगी, जिससे पूरे देश और पूरे विश्व को रास्ता मिलेगा।”
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने संत समाज द्वारा राजनीति किए जाने पर कहा, “हम कौन सा चुनाव लड़ रहे हैं? या फिर मुख्यमंत्री पद पर बैठ रहे हैं? किसे मतदान करना है और किसे नहीं करना है। उस पर भाव प्रकट करने का हमारा भी अधिकार है, इसमें राजनीति का क्या है? अगर कोई नेता अच्छा काम करता है तो उसके प्रति भावना दिखनी चाहिए और अगर कोई गलत काम करता है तो उससे भावना हट जाती है। एकनाथ शिंदे ने गौ माता के संदर्भ में पूरे भारत के करोड़ों हिंदुओं के दिलों को जीता है।”
शंकराचार्य ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने पर कहा, “ट्रंप पहले भी अपना एक कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और उस कार्यकाल में भारत का क्या हित हुआ था। लेकिन, मैं यही कहूंगा कि जब उनके पहले कार्यकाल में भारत को कोई हित नहीं हुआ तो अब इस कार्यकाल में वह क्या ही करेंगे। पीएम मोदी का ट्रंप से उनका आपसी क्या संबंध है, वह अलग बात है, लेकिन भारत के लिए ट्रंप का कोई योगदान नहीं रहा है। ट्रंप ने चुनाव के समय में घोषणा की है कि हम बाहरी एक करोड़ लोगों को बाहर करेंगे, जिनमें भारत के लोग भी शामिल हैं। एक करोड़ लोगों में भारत के लोगों का भी नाम आ सकता है।”