देश के कुछ किसान संगठनों ने शुक्रवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की उस महिला कांस्टेबल का समर्थन किया, जिसने अभिनेत्री एवं भारतीय जनता पार्टी की नव निर्वाचित सांसद कंगना रनौत को कथित तौर पर थप्पड़ मारा था। इन संगठनों ने कहा कि पूरे प्रकरण की उचित जांच की जानी चाहिए। रनौत ने बृहस्पतिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान सीआईएसएफ की एक कांस्टेबल ने उनके चेहरे पर थप्पड़ मारा और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के दो दिन बाद यह घटना हुई है।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा उन प्रमुख संगठनों में से है, जिन्होंने कहा कि वे सीआईएसएफआरोपी महिला कांस्टेबल के साथ खड़े हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कंगना के रुख को लेकर उनसे नाराज दिखाई देने वाली कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है और जांच शुरू कर दी गयी है। हवाई अड्डों पर सुरक्षा प्रदान करने का काम करने वाली सीआईएसएफ ने भी घटना की ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया है। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि वे मामले की उचित जांच के लिए पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव से मिलेंगे।

डल्लेवाल ने पंधेर और कुछ अन्य किसान नेताओं के साथ यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम उचित जांच की मांग करेंगे और हम उनसे कहेंगे कि महिला कांस्टेबल के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में कांस्टेबल के साथ कोई अन्याय न हो इसकी मांग को लेकर हम नौ जून को मोहाली में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक एक ‘इंसाफ मार्च’ निकालेंगे।’’

दिल्ली पहुंचने के बाद ‘‘पंजाब में आतंक और हिंसा में चौंकाने वाली बढ़ोत्तरी’’ शीर्षक वाले वीडियो बयान ‘एक्स’ पर साझा करते हुये कंगना ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ठीक है और सुरक्षित है।

कंगना ने कहा था कि कॉन्स्टेबल बगल से उनकी ओर आयी तथाा ‘‘उसने मेरे चेहरे पर मारा और मुझे गालियां देना शुरू कर दिया। मैंने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसने कहा कि वह किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती है।’’ नव निर्वाचित सांसद ने कहा, ‘‘मैं सुरक्षित हूं लेकिन मेरी चिंता यह है कि पंजाब में आतंकवाद और उग्रवाद बढ़ रहा है… हम इसे कैसे संभालेंगे।’’ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक अन्य वीडियो में घटना के बाद उत्तेजित कांस्टेबल को लोगों से बात करते हुए दिखाया गया था।

कांस्टेबल ने कथित वीडियो में कहा, ‘‘कंगना ने (पहले) बयान दिया था कि किसान दिल्ली में इसलिये विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, क्योंकि उन्हें 100 या 200 रुपये का भुगतान किया गया था। उस समय, मेरी मां भी प्रदर्शनकारियों में शामिल थीं।’’ कांस्टेबल के भाई ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें घटना के बारे में मीडिया के माध्यम से पता चला। पंजाब के कपूरथला में रहने वाले कांस्टेबल के भाई ने कहा था कि उनकी बहन पिछले 15 वर्षों से सेवा में है और उसने केरल, चेन्नई और अमृतसर सहित कई स्थानों पर काम किया है।

डल्लेवाल और पंधेर ने कहा कि कांस्टेबल का भाई किसान आंदोलनों में सक्रिय था और उनके संगठन का हिस्सा था। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आरोप लगाया कि कंगना रनौत ने अतीत में किसानों, बुजुर्ग महिलाओं और पंजाबियों के खिलाफ टिप्पणी कर लोगों की भावनाओं को आहत किया है। डल्लेवाल और पंधेर दोनों ने यह कहने के लिए अभिनेत्री की आलोचना की कि ‘‘पंजाब में आतंकवाद बढ़ रहा है।’’ डल्लेवाल ने कहा कि विभिन्न रिपोर्टों से उन्हें पता चला है कि सुरक्षा जांच के दौरान कंगना की ओर से कुछ बहस हुई थी जब उनका पर्स और मोबाइल फोन जांच के लिए रखा जा रहा था। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो कांस्टेबल पर दोष नहीं लगाया जाना चाहिये क्योंकि वह अपनी ड्यूटी कर रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘और हर कोई कंगना के पिछले रिकॉर्ड को जानता है और उन्होंने किसानों के प्रति किस तरह की का इस्तेमाल किया है। कोई बहस हुई होगी और जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई होगी। इन सभी चीजों की उचित जांच की जरूरत है।’’ डल्लेवाल ने ‘आतंकवाद’ और ‘उग्रवाद’ जैसी टिप्पणी के लिये कंगना रनौत पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पंजाब में, सभी धर्मों के और समुदाय के लोग शांतिपूर्वक रह रहे हैं। हम मांग करते हैं कि एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए और अदालतों को भाजपा सांसद की ओर से इस्तेमाल किए गए शब्दों का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कंगना रनौत एक अभिनेत्री हैं और अब एक सांसद भी हैं, उन्हें ऐसी नहीं बोलनी चाहिए। यह निंदनीय है। हम मांग करते हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।’’ दोनों किसान नेताओं ने दावा किया कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में किसानों समेत जनता ने भाजपा को सबक सिखाया है। उन्होंने दावा किया, ‘‘ग्रामीण इलाकों से इस बार उनके 73 उम्मीदवार हार गए।’’

उन्होंने कहा कि हरियाणा में वे सिर्फ पांच सीटें जीत सके, उत्तर प्रदेश में उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ा जबकि राजस्थान में भी उन्हें भारी हार झेलनी पड़ी। डल्लेवाल ने दावा किया कि किसानों के आंदोलन के दौरान, उन्होंने आंसू गैस और गोलियों का इस्तेमाल किया तथा देश के लोगों ने मतपत्र के माध्यम से अपना गुस्सा व्यक्त किया है।

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