बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने किसानों को 48 घंटे की भीतर खरीदे गए धान का मूल्य उपलब्ध कराने की सख्त निर्देश दिया है। धान अधिप्राप्ति में किसानों को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करते हुए धान बिक्री के लिए ऑनलाईन अग्रिम बुकिंग की सेवा का आरंभ किया गया है।
सहकारिता विभाग के ई-सहकारी पोटर्ल पर जाकर इच्छुक किसान अपने बिक्री योग्य धान की मात्रा एवं इच्छित तिथि डालकर बुकिंग कर सकते है। इस प्रकार की गई बुकिंग की मात्रा एवं विक्रय की तिथि संबंधित समिति (पैक्स/व्यापार मंडल) संबंधित सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, सहायक निबंधक सहयोग समितियां एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी के लॉगिन में प्रदर्शित होगा जिससे पैक्स उस तिथि को किसान से धान क्रय कर सके। अधिप्राप्ति की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने में यह सुविधा एक मील का पत्थर साबित होगी। इस प्रक्रिया के माध्यम से सहकारिता विभाग के द्वारा अधिप्राप्ति के अनुश्रवण में सहायता मिलेगी साथ ही, पैक्स के द्वारा धान क्रय नहीं करने की शिकायतों पर भी अंकुश लगेगा। इस कार्य में सहयोग के लिए विभाग स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिसका नं. 0612-220693 है। किसी प्रकार की समस्या होने पर किसान इन नम्बर पर फोन कर सहायता ले सकता है।
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार द्वारा धान अधिप्राप्ति की विभागीय समीक्षा करते हुए किसानों को 48 घंटे की भीतर खरीदे गए धान का मूल्य उपलब्ध कराने की सख्त निर्देश दिया गया। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि बक्सर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण, सहरसा, सारण आदि जिलों में किसानों का भुगतान प्रतिशत काफी कम है। मंत्री ने निदेश दिया कि किसानों के भुगतान में आ रही समस्या का तत्कालनिदान कराया जाए तथा ससमय भुगतान सुनिश्चित किया जाए। अब तक निर्धारित लक्ष्य 45 लाख में. टन के विरुद्ध 2.16 लाख में. टन धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है। जिससे 26455 किसान लाभान्वित हुए हैं जिसमें से 16907 किसानों को भुगतान किया जा चुका है।
समीक्षा के क्रम में यह बताया गया कि पैक्स निर्वाचन संपन्न होने के बाद धान की खरीदारी में तेजी आयी है और विगत 5 दिनों में लगभग 95 हजार में टन की खरीदारी हुई है। इसलिए किसानों का भुगतान प्रक्रियाधीन है तथा शीघ्र ही सभी किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा। इस वर्ष 6671 समितियों का चयन अधिप्राप्ति हेतु किया गया है जिसमें से अबतक 5035 समितियां सक्रिय है जबकि विगत वर्ष में कुल 5872 समितियों का चयन किया था जिसमें से 4303 समितियां ही सक्रिय हुई थी। सचिव द्वारा बताया गया कि धान अधिप्राप्ति की निरंतर समीक्षा की जा रही हैतथा मुख्यालय से भी पदाधिकारी साप्ताहिक भ्रमण एवं निरीक्षण कर रहे है।