जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ और उधमपुर जिलों के सुदूर वनक्षेत्रों में रविवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच दो मुठभेड़ हुईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ में हुई मुठभेड़ का पद्दार क्षेत्र में होने वाली वार्षिक श्री मचैल माता यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ा है तथा उन्होंने तीर्थयात्रियों को आश्वासन दिया कि वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की आवाजाही की सूचना मिलने के बाद जब पुलिस ने सेना और अर्धसैनिक बलों की मदद से नौनट्टा, नागसेनी पेयास और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया, तो दोनों पक्षों के बीच थोड़ी देर के लिए मुठभेड़ शुरू हो गई।
उन्होंने बताया कि इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गये हैं और घने जंगल में भागे गये आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान जारी है।
किश्तवाड़ में यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के जंगलों में भीषण मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा शहीद हो गए और एक नागरिक की जान चली गई तथा पांच अन्य घायल हो गए थे।
पद्दार क्षेत्र में वार्षिक मचैल माता यात्रा के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद तीर्थयात्रियों की आवाजाही केवल कुछ देर के लिए रोकी गई थी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नागसेनी के पेयास में सुबह एक तलाश अभियान शुरू किया गया। एहतियात के तौर पर यातायात एवं श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी गयी थी। कुछ देर बाद तीर्थयात्रा एवं यातायात को बहाल कर दिया गया। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों से पूरे विश्वास के साथ अपनी यात्रा जारी करने की अपील की है क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय कर लिये गये हैं।
श्री मचैल माता यात्रा 25 जुलाई को प्रारंभ हुई थी जिसका समापन पांच सितंबर को होगा।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों का रविवार शाम को उधमपुर जिले के बसंतगढ़ के जंगलों में आतंकवादियों से आमना सामना हुआ। उन्होंने बताया कि खानेद जंगल में दोनों पक्षों के बीच कुछ गोलियां चलीं लेकिन किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और सोमवार सुबह से इलाके की नए सिरे से तलाशी शुरू की जाएगी।
पिछले पांच दिनों में इस क्षेत्र में आतंकवादियों और तलाशी दलों के बीच यह दूसरी मुठभेड़ थी।