पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हो रही राजनीतिक हिंसा का जायजा लेने के लिए भाजपा ने त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व में चार नेताओं की समिति का गठन किया है। यह समिति शीघ्र ही पश्चिम बंगाल का दौरा कर, हिंसा की घटनाओं की पूरी रिपोर्ट भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को इस समिति का संयोजक बनाया गया है। इस चार सदस्यीय समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राज्यसभा सांसद एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल और सांसद कविता पाटीदार को भी शामिल किया गया है।

समिति के गठन के साथ ही भाजपा ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के लिए ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में हाल ही में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। लोकसभा आम चुनाव के साथ-साथ तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए और सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। पश्चिम बंगाल को छोड़कर कहीं भी राजनीतिक हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है। पश्चिम बंगाल ही एकमात्र ऐसा राज्य है जो चुनाव के बाद हिंसा की चपेट में है, जैसा कि हमने वहां 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद देखा था।”
भाजपा ने आगे आरोप लगाया, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मूकदर्शक बनी हुई हैं, जबकि उनकी पार्टी के अपराधी बेखौफ होकर विपक्षी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर हमला कर रहे हैं और उन्हें डरा-धमका रहे हैं। कोलकता उच्च न्यायालय ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए सीएपीएफ की तैनाती 21 जून तक बढ़ा दी है और मामले को आगे की समीक्षा के लिए 18 जून को सूचीबद्ध किया है। पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा की घटनाओं का जायजा लेने के लिए एक समिति का गठन किया है, जो शीघ्र ही पश्चिम बंगाल का दौरा करेगी तथा हिंसा की घटनाओं की पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी।”

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