तमिलनाडु सरकार खेल मंत्री व डीएमके नेता उदनिधि स्टालिन की सनातन पर विवादित टिप्पणी के बाद एक और द्रमुक सांसद ने उनका समर्थन किया है। डीएमके सांसद ए राजा ने तो सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग से कर दी। जिसके बाद अब नया विवाद खड़ा हो गया है। ऐसे में विपक्षी दलों के संगठन आईएनडीआईए में शामिल डीएमके की इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस बयान दिया। पवन खेड़ा ने डीएमके नेताओं की सनातन धर्म टिप्पणियों को लेकर कहा कि संविधान इस तरह के बयानों की इजाजत नहीं देता।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गुरुवार (7 सितंबर) कहा कि विपक्षी दलों का संगठन कांग्रेस सभी धर्मों और जातियों का सम्मान करती है। द्रमुक के ए राजा द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पवन खेड़ा ने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा ‘सर्वधर्म समभाव’ में विश्वास किया है, जिसमें हर धर्म, हर आस्था का अपना स्थान है। कोई भी किसी विशेष आस्था को दूसरे से कम नहीं मान सकता है।” आस्था। न तो संविधान इसकी इजाजत देता है और न ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इनमें से किसी भी टिप्पणी पर विश्वास करती है।

दरअसल, तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बाद डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन के खिलाफ जहर उलगा है। ए राजा ने सनातन की तुलना समाज के लिए एचआईवी और कुष्ठ रोग से कर डाली। वहीं इससे पहले मंत्री उदयनिधि स्टालिन के उस बयान के बाद बड़े पैमाने पर विवाद पैदा खड़ा हुआ था। उन्होंने सनातन धर्म की निंदा करते हुए कहा था कि ये धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से की और कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं बल्कि इसे खत्म किए जाने की आवश्यकता है।

वहीं द्रमुक सांसद की टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ ए राजा की टिप्पणी आईएनडीएआई गुट के “मानसिक दिवालियापन” को दर्शाती हैं।

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