कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी मामले में खेड़ा की जमानत को 10 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियों को सोमवार को एक साथ मिला दिया और इन्हें उत्तर प्रदेश में लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने खेड़ा की अंतरिम जमानत को 10 अप्रैल तक बढ़ा दिया और इस तथ्य पर ध्यान दिया कि कांग्रेस नेता के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
खेड़ा के खिलाफ वाराणसी के छावनी थाने और लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थीं जबकि तीसरी प्राथमिकी असम में दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि तीनों प्राथमिकी को लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया जाए। खेड़ा को मामले में नियमित जमानत लेने के लिए लखनऊ में सक्षम अदालत के समक्ष पेश होना होगा।

बता दें कि पिछले महीने 23 फरवरी को पवन खेड़ा के बयान ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी थीं। उन्होंने मुंबई के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के नाम का आपमान करते हुए दामोदरदार मोदी की जगह नरेंद्र गौतमदास मोदी बोल दिया। उनके इस बयान के बाद असम, बनारस और लखनऊ में मामले दर्ज किए गए।

पवन खेड़ा जब रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन मे शामिल होने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट से इंडिगो की फ्लाइट में सवार हुए, इसी दौरान दिल्ली पुलिस ने उन्हें प्लेन से उतार लिया और हिरासत में ले लिया। मामला तत्काल सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और शीर्ष अदालत ने मामले पर दोपहर बाद सुनवाई करते हुए पवन खेड़ा को 2 मार्च तक अग्रिम जमानत दी थी। इसके बाद अदालत ने पवन खेड़ा की जमानत को एक बार फिर बढ़ा दिया। अंतः पवन खेड़ा को 10 अप्रैल तक अग्रिम जमानत मिल गई है।

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